Sunday, March 26, 2023

राष्ट्रीय राजनीति में मेवाड़ का प्रभाव

इस पुस्तक में छठी शताब्दी ईस्वी में गुहिल वंश के उदय से लेकर बीसवीं सदी में मेवाड़ रियासत के विलोपन तक मेवाड़ रियासत के राष्ट्रीय राजनीति में योगदान एवं प्रभाव का विश्लेषण किया गया है।

Latest articles

गोरा हट जा – नौ : जाझ फिरंगी ने राजपूतों से एक-एक कुंआँ छीन...

0
जयपुर, जोधपुर, उदयपुर और बीकानेर रियासतें परस्पर विद्वेष, सामंतों की स्वार्थलिप्सा एवं राजकुमारों की बगावतों के कारण अंतर्कलह में पड़कर पिण्डारियों के चंगुल में...

गोरा हट जा- आठ : पिण्डारियों ने एक-एक पैसे में औरतें बेच दीं!

0
मुगल सेनाओं के बिखर जाने से बेरोजगार हुए मुगल सैनिक पिण्डारी बनकर राजपूताना और मध्य भारत के राज्यों को लूटने लगे। इस काल में...

गोरा हट जा-सात: पिण्डारियों ने पोकरण ठाकुर का सिर काटकर राजा मानसिंह को भिजवाया!

0
जैसलमेर की रेगिस्तानी रियासत में मची अंतर्कलह से छुटकारा न मिलते देखकर जैसलमेर के महारावल मूलराज भाटी ईस्ट इण्डिया कम्पनी का संरक्षण प्राप्त करने...

गोरा हट जा- छः : मेहता सालिमसिंह ने जैसलमेर के तीन राजकुमारों को मार...

0
जब अहमदशाह अब्दाली ने मथुरा पर आक्रमण किया तो भरतपुर के महाराजा सूरजमल जाट ने राजकुमार जवाहरसिंह को 10 हजार जाट सैनिकों के साथ...

गोरा हट जा – पांच : भरतपुर की महारानी ने कहा मराठा सैनिक मेरे...

0
हिन्दू राज्यों में परम्परागत रूप से राजा का बड़ा पुत्र ही राजा बनता आया था किंतु मुगलों में उत्तराधिकार निश्चित नहीं था। बादशाह की...
// disable viewing page source