वल्लभभाई को ब्रिज खेलने का बहुत शौक था, वे इस खेल में दक्ष भी थे। उन दिनों अहमदाबाद में वकीलों का एक क्लब हुआ करता था जिसमें पटेल ब्रिज खेलने जाया करते थे। क्लब के एक अन्य सदस्य मिस्टर वाडिया को अपने ब्रिज खेलने पर बड़ा घमण्ड था।
एक बार उन्होंने वल्लभभाई को ब्रिज खेलने की चुनौती दी। उन्हें सबक सिखाने के लिये वल्लभभाई ने कहा कि मुझे पैनी-पैनी का खेल पसंद नहीं।
100 पॉइंट के लिये पांच पाउण्ड की शर्त हो तो चुनौती स्वीकार है। पांच पाउण्ड उन दिनों बड़ी राशि थी। वाडिया ने यह शर्त स्वीकार कर ली और दोनों के बीच ब्रिज का खेल आरम्भ हुआ।
वाडिया ने पहले दिन 20 पाउण्ड तथा दूसरे दिन 30 पाउण्ड हारे। जब तीसरे दिन का खेल चल रहा था तब वाडिया की पत्नी क्लब में आईं और उन्होंने वल्लभभाई से अनुरोध किया कि वे खेल को बंद कर दें। वल्लभभाई ने हंसकर उनकी प्रार्थना स्वीकार कर ली और खेल बंद हो गया। वल्लभभाई ने वाडिया को खेल की शर्त से भी मुक्त कर दिया।