Thursday, March 28, 2024
spot_img

23. फॉक्स के छक्के छुड़ा दिये वल्लभभाई ने

वल्लभभाई अब भी फौजदारी के मुकदमे लड़ते थे और मुकदमा लेने से पहले यह देख लेते थे कि उनका मुवक्किल वास्तव में तो अपराधी नहीं है ! ऐसे निर्दोष व्यक्ति जो झूठे मुकदमों में फंसा दिये गये हों, उन्हें न्याय दिलवाना ही वल्लभभाई के जीवन का प्रमुख उद्देश्य था। झूठ को उधेड़ने में उनका कोई सानी नहीं था। झूठे गवाहों के पैर वल्लभभाई के समक्ष अधिक समय तक नहीं टिक पाते थे।

झूठे जंजाल बुनने वाले पुलिस अधिकारी तो वल्लभभाई के नाम से कांपते थे। पुलिस अधिकारियों की जालसाजियों के खुलने से पुलिस की बहुत बदनामी होती थी। जो मजिस्ट्रेट अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाते या मनमानी करते, उन्हें भी वल्लभभाई का निशाना बनना पड़ता था।

अहमदाबाद का एक कुख्यात अंग्रेज मजिस्ट्रेट मिस्टर फॉक्स दिन में कोर्ट लगाने के स्थान पर रात्रि में 9 बजे से 12 बजे तक कोर्ट लगाता था। बहुत से वकीलों ने उससे प्रार्थना की कि वह दिन में कोर्ट लगाये किंतु मक्कार फॉक्स हिन्दुस्तानी वकीलों का मजाक उड़ाता और उनके अनुरोध को ठुकरा देता।

एक बार वल्लभभाई का एक मुकदमा उसकी कोर्ट में पहुंचा। वल्लभभाई भी रात्रि में 9 बजे उसकी कोर्ट में पहुंचे। उन्होंने मजिस्ट्रेट से इतनी लम्बी बहस की कि सुबह हो गई। दूसरे और तीसरे दिन भी यही हुआ। जब चौथे दिन भी यही हुआ तो मक्कार मजिस्ट्रेट के होश गुम हो गये।

वह प्रभावशाली अंग्रेजी गणवेश में फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने वाले उस बैरिस्टर से कुछ कहने की स्थिति में नहीं था जिसकी चर्चा दुनिया भर के अखबारों में होती थी। हार-थककर फॉक्स ने अपनी कोर्ट का समय अन्य मजिस्ट्रेटों की तरह प्रातः 9 बजे कर दिया। तब जाकर वल्लभभाई ने उस मजिस्ट्रेट का पीछा छोड़ा।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

21,585FansLike
2,651FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles

// disable viewing page source