तीसरा मुगल : जलालुद्दीन मुहम्मद अकबर

1:बैराम खां ने अकबर को ईंटों के चबूतरे पर बैठाकर बादशाह बना दिया!

2 : बैराम खाँ बेग ने शाह अबुल मुआली को गायब करवा दिया !

3 :हेमू का नाम सुनकर मुगलों ने दिल्ली, आगरा, संभल खाली कर दिए!

4:तीन सौ पैंसठ साल बाद दिल्ली में हिन्दू सम्राट का राजतिलक हुआ!

5:अकबर ने अपनी प्रेमिका बैराम खाँ को समर्पित कर दी!

6:बैराम खाँ ने अकबर के अमीर तार्दी बेग खाँ का सिर काट दिया!

7: वजीर ने अकबर को समझाया कि तार्दीबेग की हत्या कितनी आवश्यक थी!

8:अकबर के अमीर काबुल के किले से शाही औरतों को निकाल लाए!

9: हेमू अपने हाथियों को मक्खन खिलाता हुआ पानीपत की ओर बढ़ा!

10:अफगानों ने महाराज हेमचंद्र को युद्ध के मैदान में धोखा दिया!

11:महावत ने महाराज हेमचंद्र से धोखा करके उसे शत्रु को सौंप दिया!

12 : महाराज हेमचंद्र का सिर काबुल के किले के बाहर सूली पर टांगा गया!

13 :अकबर ने महाराज हेमचंद्र के सैनिकों के कटे हुए सिरों की मीनार बनवाई!

14:महाराज हेमचंद्र की रानी ने अरावली की पहाड़ियों में सोना बिखेर दिया!

15 : क्या हेमू के हाथी मक्खन खाते थे! 

16:पुरुष का लड़के से प्रेम स्वीकार्य था किंतु दूसरे व्यक्ति की औरत मांगना नहीं!

17:बैराम खाँ ने माहम अनगा से अकबर की शिकायत की!

18: अकबर नाराज होकर मुगल शिविर से भाग गया!

19:बैराम खाँ और मुनीम खाँ ने बादशाह के चहेते कुली को मार दिया!

20. बैराम खाँ ने अकबर के राजस्वमंत्री को बंदी बना लिया!

21:पुरुष-प्रेमी के वियोग में मुगल सेनापति शाह कुली खाँ दरवेश बन गया!

22: बैराम खां के भय से अकबर आगरा से भाग निकला!

23:माहम अनगा ने हरम सरकार का गठन कर लिया!

24:संसार की चाल गधे के समान है!

25 : बैराम खाँ से भयभीत मंत्रियों ने अकबर को दिल्ली से काबुल भाग जाने के लिए उकसाया!

26 : अकबर ने बैराम खां को देश निकाला दे दिया!

27 : माहम अनगा की मूर्खताओं ने बैराम खां को बागी बना दिया!

28:भयभीत अकबर ने बैराम खाँ को लम्बा पत्र लिखा!

29: शेख गदाई घोड़े पर सवार होकर बादशाह से हाथ मिलाता था!

30 : बैराम खां का पुत्र अपने पिता को धोखा देकर अकबर की तरफ हो गया!

31 : हिन्दू नरेशों की निष्ठा देखकर रो पड़ा मुनीम खाँ!

32:गले में रूमाल बांधकर अकबर के सामने आया बैराम खाँ! 

33 : भगवान श्रीकृष्ण के भजन सुनकर रोया करता था बैराम खां!

34 :मक्का तक नहीं पहुंच सका बैराम खाँ!

35:मुल्ला पीर मुहम्मद ने मौत के दृश्य देखने के लिए स्त्री-पुरुषों के सिर कटवाए!

36:पूरे संसार पर कब्जा करने का स्वप्न देखता था अकबर!

37:आधम खाँ ने बाजबहादुर की औरतों को अपने पास रख लिया!

38:अकबर ने बैराम खां की बेगम से विवाह कर लिया!

39:अकबर नहीं चाहता था कि उसकी हत्या का प्रयास करवाने वाले का नाम सामने आए!

40:अकबर ने पेटीकोट सरकार से छुटकारा पा लिया!

41:अकबर की महिला रिश्तेदार को अकबर का मामा उठा ले गया!

44:शाह अबुल मुआली ने महल का दरवाजा तोड़कर चूचक बेगम को मार दिया!


45:मिर्जा सुलेमान ने शाह अबू अल मुआली को मारकर काबुल को मुक्त करवा लिया!


46:अकबर ने गक्खरों के शासक को बंदी बनाकर जेल में डलवा दिया!


47:अकबर ने चुनार दुर्ग पर अधिकार करके बाप-दादा की खोई प्रतिष्ठा प्राप्त कर ली!

48:अकबर ने राजपूताने में घुसपैठ करने की योजना बनाई!


49:अकबर ने राजपूताना राज्यों के लिए अलग नीति बनाई!


50 : अकबर ने राजाओं का अधिकतम उपयोग करने की नीति बनाई!


51:अजमेर यात्रा ने अकबर के लिए राजपूताने के द्वार खोल दिए!


52:आम्बेर राजवंश की तीन पीढ़ियाँ अकबर की सेवा में उपस्थित हुईं!


53:मुगल हरम की बेगमों ने अजमेर को गुलजार कर दिया!

54:राजपूताना के हिन्दू राज्यों को जीतने के लिए अकबर ने अजमेर यात्राओं की झड़ी लगा दी!

55: मुल्लाओं के भय से अकबर ने अजमेर आना छोड़ दिया!

56:मुल्लाओं को अकबर की अजमेर यात्राओं पर फतवे क्यों जारी करने पड़े

57:अकबर की मां ने शर्फुद्दीन के दुपट्टे से अपने आंचल का छोर बांध लिया!

58:मेड़ता के शासक ने अकबर की धाय से कहा तेरे जैसी कई वेश्याएं घूमती हैं!

59:जोधपुर राजवंश की फूट का लाभ उठाकर अकबर ने जोधपुर पर अधिकार कर लिया!

60 रेगिस्तानी क्षेत्र के राजा एक-एक करके अकबर की झोली में आ गिरे!

61:परौंख का राजपूत लड़का अकबर के हाथी पर कूद गया!

62:आसफ खाँ ने रानी दुर्गावती के महल में सोने के सिक्कों से भरे दो सौ घड़े लूट लिए!

 63:अकबर की चचेरी बहिन ने पुरुषवेष धरकर अकबर की सेना को हरा दिया

64 :अकबर के मामा ने गुसलखाने में नहाती हुई दासी को मार डाला!

65:अकबर के सौतेले भाई मिर्जा हकीम खाँ को उसके ससुर ने काबुल से बाहर निकाल दिया!

66 : हाथियों के लिए पागलपन की सीमा तक दीवाना था अकबर!

 67:उज्बेकों को मारने के लिए गंगाजी में कूद पड़ा अकबर!

68:रानी दुर्गावती के खजाने को पचा नहीं सका आसफ खाँ!

69:मुगल शहजादों ने अकबर के राज्य पर हमला कर दिया!

70:अपने सौतेले भाई से लड़ना नहीं चाहता था अकबर!

71 अकबर ने कुरुक्षेत्र में साधुओं को लड़ने की अनुमति दे दी!

72 : यदि टोडरमल न होता तो अकबर का राज्य उखड़ गया होता!

 73:खानखाना मर गया तो क्या हुआ, अभी टोडरमल जीवित है!

74:शराब पीकर कुश्ती लड़ते थे अकबर और राजा मानसिंह!

75: अकबर ने बीरबल को अपने हरम में घुसने की अनुमति दे दी!

76:बीरबल के प्रभाव से गाय एवं गोबर को पवित्र मानने लगा अकबर!

77: अकबर की आंखों में चित्तौड़ वैसे ही चुभता था जैसे रावण की आंखों में अयोध्या!

78: प्यारे चित्तौड़ पर संकट देखकर शक्तिसिंह ने अकबर को त्याग दिया!

79: अकबर को चित्तौड़ से दूर भेजने के लिए मेवाड़ी सामंतों ने चाल चली!

80: पचास कोस दूर तक सुनाई दिया चित्तौड़ दुर्ग की दीवार उड़ने का धमाका!

81:आखिर मुगलों ने जयमल राठौड़ का क्रोधित चेहरा देख लिया!

82: चित्तौड़ दुर्ग में खुलने को था शिवजी का तीसरा नेत्र!

83: चित्तौड़ दुर्ग से निकली लाल लपटें आकाश का कलेजा जलाने लगीं!

84: चित्तौड़ के किले में चतुर्भुज कल्लाजी प्रकट हो गए!

85: ईसरदास चौहान ने अकबर के हाथी की सूण्ड काट कर अकबर पर व्यंग्य कसा!

86:अकबर ने चित्तौड़ दुर्ग में तीस हजार लोगों का कत्लेआम करवाया!

87:हजारों राजपूत परिवार चित्तौड़ को स्वतंत्र कराने का संकल्प लेकर गाड़ियों में चल दिए!

88:रणथंभौर दुर्ग पर चढ़ बैठा अकबर!

89:रणथंभौर दुर्ग पर लोहे एवं पत्थरों के भारी गोले बरसाने लगा अकबर!

90 :रणथंभौर दुर्ग की सोने-चांदी की चाबियां अकबर के पास आ गईं!

 91 :नौकर के वेश में अकबर राय सुरजन के समक्ष उपस्थित हुआ!

92:शेख ने कहा दूसरी बेगमें ले आओ, क्या फर्क पड़ता है!

93:सौ टका टंच सोने जैसा था मोहिनी का रूप!

94:कजली के राजा ने अकबर को चाकू भिजवाया!

95:अकबर ने पागलों की तरह तेरह गधों को बंदूक से मार डाला!

96:अपने मंत्रियों के घर रात गुजारता था अकबर !

97:सिरोही के माचातोड़ सैनिकों ने अकबर के सैनिकों के सिर काट डाले!

98:अकबर ने शरण में आए गुजराती वजीरों एवं अमीरों को पकड़ लिया!

99:मिर्जा को मारने के लिए अकबर ने रात के अंधेरे में घोड़े पर बैठकर नदी पार कर की!

100:बदमाशों ने अकबर की नाक के नीचे गुजराती अमीरों की औरतें लूट लीं!

101:अकबर ने हुमायूं के पुराने सेवक हम्जाबान की जीभ कटवा ली!

102:शराब के नशे में अपनी जान लेने पर उतारू हो गया अकबर!

103:गोआ के पुर्तगालियों ने अकबर को पुर्तगाली लड़कियां भेंट कीं!

104:सेनापति ने शहजादों को खाल में लपेट कर अकबर के समक्ष प्रस्तुत किया!

105:अकबर ने आगरा से गुजरात तक सेनाओं की दौड़ का आयोजन किया!

106:पागलों की तरह गुजरात की तरफ दौड़ पड़ा अकबर!

107:रात के अंधेरों में भी गुजरात की तरफ दौड़ता रहा अकबर!

108:अकबर के हिन्दू सेनापतियों ने कवच को प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया!

109:अकबर ने गुजराती अमीरों को जौ के दाने जैसा काट दिया!

110- अकबर ने साबरमती के तट पर नरमुण्डों की मीनार चुनवाई :तीसरा मुगल अकबर

111- मुल्ला बदायूनी ने हाजी इब्राहीम सरहिंदी का सिर फोड़ दिया!:तीसरा मुगल अकबर

112 अकबर के अमीरों ने अकबर को चूना लगा दिया!:तीसरा मुगल अकबर

113 अकबर ने राजा गणपति का कटा सिर बंगाल के सुल्तान दाऊद को भिजवाया!:

114 गंगा किनारे से थार मरुस्थल तक अकबर का अधिकार हो गया:तीसरा मुगल अकबर

115 अकबर ने सेनाओं का मुंह महाराणा प्रताप की तरफ मोड़ दिया:तीसरा मुगल अकबर

116 क्यों बन गए थे मेवाड़ के महाराणा हिन्दू नरेशों के सिरमौर:तीसरा मुगल अकबर  

117  महाराणा ने गरज कर कहा अपने फूफा को ले आना, हम सत्कार करेंगे:तीसरा मुगल अकबर

118  क्यों एक-दूसरे के प्राण लेना चाहते थे अकबर और महाराणा प्रताप:तीसरा मुगल अकबर

119 महाराणा प्रताप ने अपना खजाना तथा हथियार गुफाओं में छिपा दिए:तीसरा मुगल अकबर

120 महाराणा प्रताप के लोना को देखकर मुगलों में आतंक छा गया:तीसरा मुगल अकबर

121 महाराणा प्रताप का चेतक हल्दीघाटी में चक्कर काटने लगा:तीसरा मुगल अकबर

122 झाला मानसिंह ने महाराणा का छत्र उतारकर अपने घोड़े पर लगा लिया: तीसरा मुगल अकबर

123  अकबर के सेनापतियों ने हल्दीघाटी में मरे सैनिकों की गिनती नहीं की:तीसरा मुगल अकबर

124  हल्दीघाटी में दो मुंह वाले योद्धा की तरह लड़ा महाराणा प्रताप: तीसरा मुगल अकबर

125 हल्दीघाटी के युद्ध में तोमरों एवं झालों ने सर्वस्व बलिदान किया:तीसरा मुगल अकबर

126 झाला मानसिंह की बहिन बोली भाई ने अपना सिर मुझे सींच दिया: तीसरा मुगल अकबर

127 भेड़ों की तरह भगे कहते अल्लाह हमारी जान बचा: तीसरा मुगल अकबर

128  महाराणा प्रताप के भय से मुगल सेना पहाड़ों में चूहों की तरह फंस गई तीसरा मुगल अकबर

129 अकबर ने मानसिंह और आसफ खाँ की ड्यौढ़ी बंद कर दी: तीसरा मुगल अकबर

130 महाराणा की जीत से अकबर को मानसिंह पर संदेह हो गया: तीसरा मुगल अकबर

131 मेवाड़ के महाराणा किसी राजा, बादशाह या वायसराय के दरबार में नहीं गए! तीसरा मुगल अकबर-

132  महाराणा प्रताप को ढूंढने अकबर स्वयं गोगूंदा आया: तीसरा मुगल अकबर

133 अकबर ने सेनापतियों से कहा महाराणा को मारे बिना आओगे तो तुम्हारा सिर कलम होगा: तीसरा मुगल अकबर

134 प्रताप रूपी सिंह अकबर रूपी गीदड़ के साथ नहीं बैठेगा: तीसरा मुगल अकबर

135 गौरवहीन पुरुष और निर्लज्जा नारियों के बाजार का निर्लज्ज ग्राहक था अकबर : तीसरा मुगल