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गोरा हट जा – बीस: मराठों ने धन प्राप्ति की आशा में बांसवाड़ा का...
अंग्रेजों के भारत में आगमन के समय मेवाड़ राजवंश धरती भर के राजवशों में सबसे पुराना था। राजपूताना के डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ और शाहपुरा...
गोरा हट जा-उन्नीस: मैं नाथद्वारा जाकर सन्यासी हो जाउंगा, स्वामी पर हथियार नहीं उठाऊंगा!
जब ई.1817 में कोटा राज्य और अंग्रेजों के बीच सहायता एवं सुरक्षा की अधीनस्थ संधि हुई। ई.1818 में अंग्रेजों ने उस संधि में...
गोरा हट जा – अठारह: लोहे के पिंजरे में भीतर से ताला लगाकर सोता...
झाला जालिमसिंह 21 वर्ष की आयु से कोटा राज्य की रक्षा और सेवा करता आ रहा था। ई.1764 में महाराव शत्रुशाल (द्वितीय) के समय...
गोरा हट जा – सत्रह: अंग्रेजों ने पिण्डारी अमीर खाँ को टोंक का नवाब...
कोटा का फौजदार झाला जालिमसिंह, कोटा राज्य को पिण्डारियों एवं मराठों से मुक्त करवाने के लिए किसी बड़े अवसर की तलाश में रहता था।...
गोरा हट जा-सोलह: साठ जोंकें खून चूसती रहीं और कर्नल टॉड राजपूताने का इतिहास...
पिण्डारियों के विरुद्ध की गई इस महान् कार्यवाही में जेम्स टॉड तथा उसके द्वारा तैयार किए गए नक्शों की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
ई.1805 से लेकर...
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