Tuesday, October 3, 2023
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इस कैटेगरी में डॉ. मोहनलाल गुप्ता की इतिहास, कला एवं संस्कृति एवं साहित्य सम्बन्धी ग्रंथों का परिचय एवं कैटेलॉग उपलब्ध कराया गया है।

Latest articles

गोरा हट जा – तेबीस: पिण्डारियों एवं मराठों की चौथ से कई गुना अधिक...

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ईस्ट इण्डिया कम्पनी द्वारा राजपूत के 19 में से 18 राज्यों के साथ की गई संधियों के आरम्भ होने से राजपूताने में एक नए...

डॉ. मोहनलाल गुप्ताजी के उपन्यासों में सौन्दर्य दृष्टि

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साहित्य-सृजन का मूल उद्देश्य सम्पूर्ण सृष्टि को सुंदर बनाना है। इसलिए हर युग के लेखक द्वारा साहित्य के माध्यम से सौन्दर्य का सृजन किया...

गोरा हट जा – बाईस: अंग्रेजों ने भारत मुगलों से नहीं, हिन्दुओं से प्राप्त...

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लॉर्ड वेलेजली के समय में ईस्ट इण्डिया कम्पनी द्वारा ई.1803 से 1805 के बीच अलवर, भरतपुर तथा धौलपुर राज्यों के साथ संधियां की गई...

गोरा हट जा – इक्कीस: जोधपुर नरेश ने सिरोही के राजा को कैद कर...

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सिरोही रियासत राजपूताने और गुर्जरात्रा की सीमाओं पर स्थित थी। इस पर सांभर के चौहानों में से निकली देवड़ा चौहानों की एक पुरानी शाखा...

गोरा हट जा – बीस: मराठों ने धन प्राप्ति की आशा में बांसवाड़ा का...

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अंग्रेजों के भारत में आगमन के समय मेवाड़ राजवंश धरती भर के राजवशों में सबसे पुराना था। राजपूताना के डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ और शाहपुरा...
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