Tuesday, December 9, 2025
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पुराण कालीन नारी MCQ

पुराण कालीन नारी MCQ : प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए “पौराणिक काल में नारी की स्थिति” विषय पर 70 बहुविकल्पीय प्रश्न। सही विकल्प के अंत में ✅ हरा टिक मार्क है।

1. पौराणिक काल में नारी की स्थिति कैसी मानी गई है?
a) अत्यंत दयनीय
b) वैदिक एवं उत्तर वैदिक काल के समान संतोषजनक ✅
c) केवल घरेलू कार्यों तक सीमित
d) पूर्णतः अशिक्षित

2. पौराणिक काल में नारी विवाह सम्बन्धी निर्णय कैसे लेती थी?
a) पिता की आज्ञा से ही
b) समाज की पंचायत से
c) स्वयं निर्णय ले सकती थी ✅
d) केवल भाइयों की सलाह से

3. पौराणिक काल में नारी को किस प्रकार की सामाजिक बाध्यता नहीं थी?
a) शिक्षा ग्रहण करने की
b) पर्दा प्रथा का पालन करने की ✅
c) विवाह करने की
d) घर के कार्य करने की

4. पौराणिक काल किस कालखण्ड को कहा जाता है?
a) जब वेदों की रचना हुई
b) जब स्मृतियों की रचना हुई
c) जब पुराणों की रचना हुई ✅
d) जब उपनिषद रचे गए

5. पुराणों में किन तत्वों का समावेश हुआ है?
a) केवल राजनीति का
b) केवल दार्शनिक विचारों का
c) धर्म, अध्यात्म, इतिहास और काल्पनिक कथाओं का ✅
d) केवल लोककथाओं का

6. पौराणिक काल के आरम्भ और अंत के विषय में इतिहासकारों की क्या स्थिति है?
a) सब एक मत हैं
b) अधिकांश असहमत हैं
c) एक मत नहीं हैं ✅
d) मत व्यक्त ही नहीं किया गया

7. पुराणों में वैदिक देवी-देवताओं के साथ क्या किया गया?
a) उन्हें नकारा गया
b) उनका मानवीकरण किया गया ✅
c) उन्हें हटा दिया गया
d) केवल कुछ को स्वीकार किया गया

8. पुराणों में रामायण एवं महाभारत कालीन राजाओं के साथ क्या हुआ?
a) उनका तिरस्कार किया गया
b) उन्हें सामान्य मानव दिखाया गया
c) उनका दैवीकरण किया गया ✅
d) उन्हें इतिहास से बाहर कर दिया गया

9. बहुत से लोग पुराणों की रचना को किस काल से किस काल तक का मान लेते हैं?
a) वैदिक काल से गुप्त काल तक
b) वैदिक काल से महाकाव्य काल तक ✅
c) महाकाव्य काल से मध्यकाल तक
d) गुप्त काल से मुगल काल तक

10. पौराणिक काल को केवल किस राजवंश के काल तक सीमित करना उचित नहीं माना गया है?
a) नंद वंश
b) मौर्य वंश
c) गुप्त वंश ✅
d) चोल वंश

11. किन इतिहासकारों के अनुसार पौराणिक काल ईस्वी 300 से 600 तक माना गया है?
a) सभी इतिहासकारों के अनुसार
b) बहुत से इतिहासकारों के अनुसार ✅
c) कुछ विदेशी इतिहासकारों के अनुसार
d) केवल गुप्तकालीन विद्वानों के अनुसार

12. यदि पौराणिक काल को ई.300 से 600 माना जाए तो यह काल मुख्यतः किस साम्राज्य का है?
a) मौर्य साम्राज्य
b) कुषाण साम्राज्य
c) गुप्त साम्राज्य ✅
d) चोल साम्राज्य

13. पौराणिक काल में गुप्त सम्राटों की राजधानी कहाँ थी?
a) पाटलिपुत्र
b) कन्नौज
c) मगध ✅
d) उज्जयिनी

14. पौराणिक काल को केवल गुप्त काल तक सीमित न करने का मुख्य कारण क्या दिया गया है?
a) गुप्त कमजोर शासक थे
b) पुराणों की रचना गुप्तों के बाद भी होती रही ✅
c) पुराणों की रचना गुप्तों से पहले ही समाप्त हो गई
d) हर्ष ने पुराणों का विरोध किया

15. पौराणिक काल की परिभाषा में किस राजा के शासनकाल को भी समाहित करने की बात कही गई है?
a) अशोक
b) समुद्रगुप्त
c) हर्ष वर्द्धन ✅
d) विक्रमादित्य

16. गुप्तकाल को भारतीय इतिहास में किस रूप में जाना जाता है?
a) विज्ञान युग
b) युद्ध युग
c) धार्मिक पुनरुत्थान का काल ✅
d) मुस्लिम आक्रमण का काल

17. गुप्तकाल में वैदिक धर्म को किस रूप में प्रस्तुत किया गया?
a) जैन धर्म के रूप में
b) शैव धर्म के रूप में
c) भागवत् धर्म के रूप में ✅
d) बौद्ध धर्म के रूप में

18. गुप्तकाल में जनसामान्य को आकर्षित करने के लिए क्या किया गया?
a) करों में वृद्धि
b) युद्धों का विस्तार
c) पौराणिक कथाओं की रचना ✅
d) व्यापारिक प्रतिबंध

19. गुप्तकाल की समयावधि लगभग किससे किस तक मानी गई है?
a) ई.100 से ई.300
b) ई.200 से ई.400
c) ई.275 से ई.550 ✅
d) ई.500 से ई.800

20. पौराणिक काल में नारी की स्थिति के बारे में विभिन्न पुराणों से क्या ज्ञात होता है?
a) नारी अत्यंत शोषित थी
b) नारी को कोई अधिकार नहीं था
c) नारी की स्थिति बहुत अच्छी थी ✅
d) नारी को शिक्षा नहीं मिलती थी

21. पौराणिक काल में नारी को शिक्षा का अधिकार किन प्राचीन कालों की भाँति प्राप्त था?
a) केवल आधुनिक काल की भाँति
b) केवल मध्यकाल की भाँति
c) वैदिक, स्मृति, सूत्र और महाकाव्य काल की भाँति ✅
d) केवल स्मृति काल की भाँति

22. पौराणिक काल में नारी शिक्षा के कितने रूप बताए गए हैं?
a) एक
b) दो ✅
c) तीन
d) चार

23. पौराणिक काल में नारी शिक्षा के दो रूप कौन से थे?
a) प्राचीन और आधुनिक
b) लौकिक और पारलौकिक
c) आध्यात्मिक और व्यावहारिक ✅
d) ग्रामीण और शहरी

24. आध्यात्मिक शिक्षा ग्रहण करने वाली कन्याओं को क्या कहा जाता था?
a) गृहिणी
b) राजकन्या
c) ब्रह्मवादिनी ✅
d) आचार्या

25. पौराणिक साहित्य में किस ब्रह्मवादिनी का नाम नहीं मिलता?
a) वृहस्पति-भगिनी
b) अपर्णा
c) मेना
d) अनसूया ✅

26. निम्न में से कौन-सी ब्रह्मवादिनी का उल्लेख पौराणिक काल के साहित्य में मिलता है?
a) एकपर्णा ✅
b) गार्गी
c) मैत्रेयी
d) सीता

27. पौराणिक साहित्य में किसका उल्लेख ‘ब्रह्मवादिनी कन्या’ के रूप में किया गया है?
a) संनति ✅
b) द्रौपदी
c) कुंती
d) तारा

28. उमा, पीवरी, धर्मव्रता आदि कन्याओं ने अपनी इच्छानुसार वर किसके बल पर प्राप्त किया?
a) धन के बल पर
b) विद्या के बल पर
c) तपस्या के बल पर ✅
d) युद्ध के बल पर

29. पौराणिक काल में व्यावहारिक शिक्षा ग्रहण करने वाली कन्याओं के संदर्भ में कौन-सा कथन सही है?
a) वे केवल काव्य पढ़ती थीं
b) उन्होंने भी तपस्या से मनोनुकूल वर प्राप्त किया ✅
c) वे विवाह नहीं करती थीं
d) उन्हें घर का कार्य नहीं आता था

30. पौराणिक काल की गृहस्थ कन्याएँ किस प्रकार के कार्यों में निपुण होती थीं?
a) केवल सैन्य प्रशिक्षण में
b) केवल राजनीति में
c) गृहस्थी के कार्यों में ✅
d) केवल व्यापार में

31. पूर्व-वैदिक-युगीन अपाला अपने पिता की किस कार्य में सहायता करती थी?
a) व्यापार
b) कृषि कार्य ✅
c) लेखन
d) पशु पालन

32. उस युग की अधिकांश कन्याएँ कौन-सा कार्य भली-भाँति जानती थीं, जिसके कारण उन्हें ‘दुहिता’ कहा गया?
a) बुनाई
b) पौधरोपण
c) गाय दुहना ✅
d) भोजन बनाना

33. ‘दुहिता’ शब्द का प्रयोग किसके लिए किया गया है?
a) जो दुहना जानती हो ✅
b) जो नृत्य जानती हो
c) जो युद्ध करे
d) जो विद्या पढ़े

34. पौराणिक काल की कन्याएँ सूत कातने के अतिरिक्त क्या-क्या जानती थीं?
a) खेती और शिकार
b) लेखन और मुद्रण
c) बुनना और वस्त्र सिलना ✅
d) युद्ध और अस्त्र-शस्त्र

35. पौराणिक काल की कन्याएँ किन कलाओं में निपुण कही गई हैं?
a) केवल चित्रकला में
b) केवल वाद्यसंगीत में
c) ललित कलाओं में ✅
d) केवल नाटक में

36. गुप्तकाल तक कन्या विवाह की स्थिति के विषय में क्या कहा गया है?
a) पूर्ण परिवर्तन हो गया
b) बाल विवाह अनिवार्य हो गया
c) स्थिति पूर्ववत् रही ✅
d) विवाह बंद हो गए

37. गुप्तकाल में किस प्रकार के विवाह का उल्लेख मिलता है जो प्रेम-विवाह का द्योतक है?
a) दैव विवाह
b) आर्ष विवाह
c) गान्धर्व विवाह ✅
d) असुर विवाह

38. गान्धर्व विवाह को किस प्रकार का विवाह बताया गया है?
a) समाज द्वारा आयोजित
b) माता-पिता द्वारा तय
c) समाज से छिपकर किया गया प्रेम विवाह ✅
d) केवल राजाओं के लिए

39. गान्धर्व विवाह का उल्लेख किस बात का परिचायक है?
a) बालिका विवाह के
b) जबरन विवाह के
c) युवती होने पर स्वतंत्र विवाह के ✅
d) विधवा विवाह के

40. थानेश्वर के राजा हर्ष वर्द्धन का शासनकाल किस अवधि में रहा?
a) ई.500–550
b) ई.550–600
c) ई.606–647 ✅
d) ई.700–750

41. हर्षकालीन ग्रंथों से नारी शिक्षा के बारे में क्या अनुमान होता है?
a) सबके लिए शिक्षा अनिवार्य थी
b) नारी शिक्षा सर्वत्र फल-फूल रही थी
c) सामान्य परिवारों में नारी शिक्षा का प्रसार लगभग अवरुद्ध हो गया था ✅
d) केवल ग्रामीण नारी शिक्षित थी

42. हर्षकाल तक किस वर्ग की कन्याओं के लिए शिक्षा के द्वार खुले हुए थे?
a) केवल ग्रामीण वर्ग
b) केवल शूद्र वर्ग
c) समाज के अभिजात्य वर्ग की कन्याएँ ✅
d) केवल साधु-संतों की पुत्रियाँ

43. हर्षकाल में अभिजात्य वर्ग की कन्याएँ किन भाषाओं के काव्य में प्रवीण थीं?
a) पाली और प्राकृत
b) हिन्दी और पाली
c) प्राकृत और संस्कृत ✅
d) तमिल और तेलुगु

44. हर्षकालीन अभिजात्य कन्याएँ किन-किन कलाओं में निपुण कही गई हैं?
a) तैराकी और शिकार
b) कृषि और व्यापार
c) संगीत, नृत्य, वाद्य एवं चित्रकला ✅
d) युद्ध और राजनीति

45. हर्षकालीन कवि बाण ने नारी शिक्षा का उल्लेख किस ग्रंथ में किया है?
a) कादंबरी
b) मेघदूत
c) हर्षचरित ✅
d) रघुवंश

46. ‘हर्षचरित’ में किस राजकन्या के संदर्भ में नारी की कलात्मक प्रगति का वर्णन मिलता है?
a) राजलक्ष्मी
b) राज्यश्री ✅
c) कौशल्या
d) सुभद्रा

47. ‘हर्षचरित’ के वर्णन के अनुसार राज्यश्री किसके बीच रहकर कलाओं का परिचय प्राप्त कर रही थी?
a) राजपुरुषों के बीच
b) विद्वान ब्राह्मणों के बीच
c) विदग्ध सखियों के बीच ✅
d) सैनिकों के बीच

48. ‘हर्षचरित’ में राज्यश्री के संदर्भ में किस प्रकार की कलाओं का विशेष उल्लेख है?
a) केवल युद्धकला
b) नृत्य-गीत आदि कलाएँ ✅
c) कृषि-कला
d) शिल्पकला

49. पौराणिक काल में नारी की स्थिति को वैदिक और उत्तर वैदिक काल के साथ किस रूप में रखा गया है?
a) उससे नीचे
b) उससे बहुत खराब
c) उसके समान या समान्य रूप से संतोषजनक ✅
d) उससे बिल्कुल भिन्न

50. पौराणिक काल में नारी पर पर्दा प्रथा न होने का क्या अर्थ है?
a) उसे समाज में आने की अनुमति नहीं थी
b) वह स्वतंत्र रूप से सामाजिक जीवन में भाग ले सकती थी ✅
c) उसे घर से बाहर निकलने की मनाही थी
d) वह केवल त्योहारों पर बाहर जाती थी

51. पौराणिक काल में नारी की शिक्षा के संदर्भ में ‘ब्रह्मवादिनी’ शब्द किस पर लागू होता है?
a) जो गृहस्थी चलाती हो
b) जो केवल संगीत जानती हो
c) जो आध्यात्मिक शिक्षा ग्रहण करती हो ✅
d) जो युद्धकला सीखे

52. पौराणिक काल की ब्रह्मवादिनी कन्याओं की एक विशेषता क्या थी?
a) वे विवाह नहीं करती थीं
b) वे राज्य शासन संभालती थीं
c) वे तपश्चर्या द्वारा अभीष्ट की प्राप्ति करती थीं ✅
d) वे केवल गृहकार्य करती थीं

53. उमा, पीवरी और धर्मव्रता की समानता किस बात में हैं?
a) सभी रानियाँ थीं
b) सभी कौरव कुल से थीं
c) सभी ने तपस्या के बल पर इच्छित वर पाया ✅
d) सभी ने युद्ध जीते

54. पूर्व-वैदिक-युगीन अपाला का उल्लेख किस भूमिका में हुआ है?
a) प्रसिद्ध नर्तकी के रूप में
b) प्रसिद्ध कवयित्री के रूप में
c) पिता के कृषि कार्य में सहयोगी कन्या के रूप में ✅
d) योद्धा के रूप में

55. पौराणिक काल की कन्याओं की ललित कलाओं में निपुणता से क्या संकेत मिलता है?
a) वे केवल मनोरंजन का साधन थीं
b) उन्हें सौंदर्य प्रतियोगिताएँ करानी थीं
c) उन्हें सांस्कृतिक व बौद्धिक विकास का अवसर मिला हुआ था ✅
d) उन्हें राजनीति से दूर रखा गया

56. गुप्तकाल में गान्धर्व विवाह के उदाहरण किस सामाजिक प्रवृत्ति को दर्शाते हैं?
a) केवल माता-पिता द्वारा तय विवाह
b) जाति-आधारित विवाह
c) प्रेमाधारित स्वेच्छा विवाह ✅
d) बाल विवाह की प्रथा

57. हर्षकालीन सामान्य परिवारों में नारी शिक्षा के लगभग अवरुद्ध हो जाने से क्या निष्कर्ष निकलता है?
a) शिक्षा केवल पुरुषों का अधिकार बनती जा रही थी ✅
b) शिक्षा सभी के लिए निषिद्ध थी
c) शिक्षा केवल निचले वर्ग को मिल रही थी
d) शिक्षा का महत्व समाप्त हो गया था

58. हर्षकाल में अभिजात्य वर्ग की कन्याओं का प्राकृत और संस्कृत काव्य में प्रवीण होना किसका प्रतीक है?
a) केवल मौखिक परंपरा का
b) उच्च स्तरीय साहित्यिक शिक्षा का ✅
c) केवल धार्मिक अनुष्ठानों का
d) शिल्पकला का

59. ‘भारतीय नारी की युग-युगीन स्थिति’ शीर्षक के अंतर्गत पौराणिक काल के अतिरिक्त किस-किस काल की नारी स्थिति पर अलग–अलग चर्चा का संकेत मिलता है?
a) केवल आधुनिक काल
b) केवल वैदिक काल
c) वैदिक, महाकाव्य, स्मृति, पूर्वमध्यकाल, मध्यकाल, ब्रिटिश और आधुनिक काल ✅
d) केवल मध्यकाल और आधुनिक काल

60. पौराणिक काल में नारी की शिक्षा और विवाह सम्बन्धी स्वतंत्रता को किस रूप में देखा जा सकता है?
a) नारी दासता के रूप में
b) नारी के पूर्ण पराधीन होने के रूप में
c) नारी के अपेक्षाकृत उच्च सामाजिक दर्जे के रूप में ✅
d) नारी के समाज से बहिष्कार के रूप में

61. पौराणिक काल की नारी शिक्षा में व्यावहारिक रूप से गृहस्थी कार्यों की शिक्षा देने का मुख्य उद्देश्य क्या समझा जा सकता है?
a) उन्हें राजसत्ता के लिए तैयार करना
b) उन्हें युद्ध के लिए तैयार करना
c) उन्हें सफल गृहिणी बनाना ✅
d) उन्हें व्यापार के लिए प्रशिक्षित करना

62. गुप्तकाल को धार्मिक पुनरुत्थान का काल कहने का एक कारण क्या है?
a) बौद्ध धर्म का पूर्ण नाश
b) जैन धर्म का अंत
c) वैदिक धर्म का भागवत् रूप में पुनर्प्रस्तुतीकरण ✅
d) ईसाई धर्म का प्रसार

63. पौराणिक काल में पुराणों की रचना में इतिहास और काल्पनिक कथाओं दोनों को शामिल करने से क्या संकेत मिलता है?
a) केवल कल्पना पर बल था
b) केवल तथ्यपरक इतिहास लिखा जा रहा था
c) धर्म, इतिहास और कल्पना का मिश्रित स्वरूप बनाया गया ✅
d) इतिहास को महत्व नहीं दिया गया

64. पौराणिक काल को गुप्त काल से आगे बढ़ाकर हर्षकाल तक समाहित करने का क्या लाभ है?
a) काल छोटा हो जाता है
b) नारी की स्थिति का विश्लेषण कठिन हो जाता है
c) पुराण-रचना और नारी स्थिति का व्यापक परिप्रेक्ष्य मिलता है ✅
d) गुप्तों की भूमिका समाप्त हो जाती है

65. हर्षकाल में नारी की शिक्षा केवल अभिजात्य वर्ग में सीमित रह जाने से समाज की कौन सी प्रवृत्ति उजागर होती है?
a) समान शिक्षा का विस्तार
b) लोकतांत्रिक सोच
c) वर्ग-आधारित शैक्षिक असमानता ✅
d) नारी के प्रति अत्यधिक सम्मान

66. ‘हर्षचरित’ में राज्यश्री के संदर्भ से नारी के किस विकास पक्ष पर विशेष प्रकाश पड़ता है?
a) आर्थिक विकास
b) सैन्य प्रशिक्षण
c) सांस्कृतिक एवं कलात्मक विकास ✅
d) राजनीतिक विकास

67. पौराणिक काल में नारी के लिए ‘तपश्चर्या’ का महत्व किस रूप में उभरकर आता है?
a) केवल दंड के रूप में
b) केवल दिखावे के लिए
c) इच्छित वर एवं अभीष्ट प्राप्ति के साधन के रूप में ✅
d) युद्ध की तैयारी के रूप में

68. पौराणिक काल में नारी की स्वतंत्र निर्णय क्षमता विशेषतः किस क्षेत्र में स्पष्ट रूप से दिखाई देती है?
a) कर निर्धारण में
b) युद्ध नीति में
c) अपने विवाह आदि के निर्णय में ✅
d) राज्य प्रशासन में

69. पौराणिक काल में नारी के लिए पर्दा प्रथा का अभाव किस ऐतिहासिक प्रवृत्ति से भिन्न था?
a) उत्तर मध्यकालीन कठोर पर्दा प्रथा से ✅
b) वैदिक काल से
c) स्मृति काल से
d) हर्षकाल से

70. पौराणिक काल की नारी की समग्र स्थिति को संक्षेप में कैसे अभिव्यक्त किया जा सकता है?
a) शोषित, निरक्षर और पराधीन
b) शिक्षा, विवाह निर्णय और सामाजिक जीवन में अपेक्षाकृत स्वतंत्र व सम्मानजनक ✅
c) केवल धार्मिक अनुष्ठानों तक सीमित
d) पूर्णतः गृहबंदी और निराशाजनक

-डॉ. मोहनलाल गुप्ता

पुराण कालीन नारी MCQ : मुख्य अध्ययन सामग्री

पौराणिक काल में नारी की स्थिति

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