आश्रम व्यवस्था MCQ : प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए “आश्रम व्यवस्था ” विषय पर 70 बहुविकल्पीय प्रश्न। सही विकल्प के अंत में ✅ हरा टिक मार्क है।
- आर्यों की आश्रम व्यवस्था की स्थापना मुख्यतः किस उद्देश्य से की गई थी?
a) युद्ध-कला के विकास के लिए
b) मनुष्य जीवन की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए ✅
c) व्यापार-वृद्धि के लिए
d) शिक्षा-संस्थानों के निर्माण के लिए - आश्रम-व्यवस्था के द्वारा मनुष्य के जीवन को किन-किन आधारों पर संचालित किया गया?
a) केवल आर्थिक आधार पर
b) केवल धार्मिक आधार पर
c) नियम एवं कर्त्तव्यों के आधार पर ✅
d) केवल राजनीतिक आधार पर - मनुष्य जीवन की कौन-सी अवस्थाएँ आश्रम व्यवस्था में विशेष रूप से ध्यान में रखी गईं?
a) केवल बाल्यावस्था और युवावस्था
b) केवल प्रौढ़ावस्था और वृद्धावस्था
c) केवल युवावस्था
d) बचपन, यौवन, प्रौढ़ावय एवं वृद्धावस्था ✅ - भारतीय आश्रम व्यवस्था का अन्तिम लक्ष्य क्या बताया गया है?
a) अर्थ की प्राप्ति
b) कीर्ति की प्राप्ति
c) मोक्ष की प्राप्ति ✅
d) राज्य की प्राप्ति - भारतीय दर्शन में पुरुषार्थ की संकल्पना किस व्यवस्था से सम्बन्धित मानी गई है?
a) वर्ण-व्यवस्था से
b) आश्रम-व्यवस्था से ✅
c) पंचायत-व्यवस्था से
d) गाँव-व्यवस्था से - चार पुरुषार्थों में कौन-से पुरुषार्थ शामिल हैं?
a) धार्मिक, राजनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक
b) धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष ✅
c) राजनीति, समाज, संस्कृति, अर्थ
d) ज्ञान, विज्ञान, कला, धर्म - भारतीय चिन्तकों के अनुसार मनुष्य के जीवन की अधिकतम आयु कितनी मानी गई है?
a) 80 वर्ष
b) 90 वर्ष
c) 100 वर्ष ✅
d) 120 वर्ष - आश्रम-व्यवस्था में 100 वर्ष के जीवन को कितने समान कालखण्डों में विभाजित किया गया?
a) दो में
b) तीन में
c) चार में ✅
d) पाँच में - प्रत्येक आश्रम के लिए कितने वर्ष निर्धारित किए गए थे?
a) 20-20 वर्ष
b) 25-25 वर्ष ✅
c) 30-30 वर्ष
d) 15-15 वर्ष - आश्रम-व्यवस्था के अंतर्गत मनुष्य किन-किन प्रकार की उपलब्धियाँ सहज प्राप्त कर सकता था?
a) केवल लौकिक उपलब्धियाँ
b) केवल पारलौकिक उपलब्धियाँ
c) लौकिक एवं पारलौकिक दोनों ✅
d) केवल आर्थिक उपलब्धियाँ - भारतीय आश्रम व्यवस्था को अन्य संस्कृतियों की तुलना में कैसा बताया गया है?
a) साधारण
b) सामान्य
c) अनूठी और विलक्षण ✅
d) अविकसित - आश्रमों का आधार मुख्यतः किन आवश्यकताओं के अनुसार निर्धारित किया गया था?
a) धार्मिक और राजनीतिक आवश्यकताओं के अनुसार
b) जैविकीय, सामाजिक एवं मनोवैज्ञानिक आवश्यकताओं के अनुसार ✅
c) केवल आर्थिक आवश्यकताओं के अनुसार
d) केवल दैवी आवश्यकताओं के अनुसार - आश्रम व्यवस्था मनुष्य को किन-किन सुखों का अनुभव कराती थी?
a) केवल तपस्या का सुख
b) केवल गृहस्थी का सुख
c) बाल-सुलभ जिज्ञासा, रोमांच, गृहस्थी और तपस्या का सुख ✅
d) केवल सन्यास का सुख - किस युग में आश्रम व्यवस्था का उद्भव माना गया है?
a) ऋग्वैदिक-काल में
b) उत्तर-वैदिक-काल में ✅
c) मध्यकाल में
d) आधुनिक काल में - कुछ विचारकों के अनुसार आश्रम व्यवस्था का प्रचलन किसके बाद हुआ माना जाता है?
a) वेदों की रचना के बाद
b) महाभारत की रचना के बाद
c) महात्मा बुद्ध के बाद ✅
d) रामायण की रचना के बाद - किन वैदिक ग्रंथों में ‘ब्रह्मचारी’ और ‘गृहपति’ जैसे शब्दों के उल्लेख से आश्रमों के संकेत मिलते हैं?
a) केवल ऋग्वेद में
b) केवल स्मृतियों में
c) ब्राह्मण-ग्रन्थों, आरण्यकों और उपनिषदों में ✅
d) केवल पुराणों में - ‘यति’ शब्द का आश्रम-व्यवस्था में क्या अर्थ बताया गया है?
a) गृहस्थ
b) वानप्रस्थी
c) मुनि
d) सन्यासी ✅ - चार आश्रमों की संज्ञाओं का सर्वप्रथम स्पष्ट उल्लेख किस उपनिषद में मिलता है?
a) छान्दोग्य उपनिषद
b) ऐतरेय उपनिषद
c) जाबालोपनिषद ✅
d) कथोपनिषद - ऐतरेय ब्राह्मण के अनुसार ब्रह्मचर्य पूर्ण करने के बाद व्यक्ति को अगला कौन-सा आश्रम ग्रहण करना चाहिए?
a) वानप्रस्थ आश्रम
b) गृहस्थ आश्रम ✅
c) सन्यास आश्रम
d) भिक्षु आश्रम - ऐतरेय ब्राह्मण में वानप्रस्थी के लिए कौन-सा शब्द प्रयुक्त हुआ है?
a) गृही
b) परिव्राजक
c) वनी ✅
d) मुनि - ऐतरेय ब्राह्मण के अनुसार परिव्राजक किस आश्रम को सूचित करता है?
a) ब्रह्मचर्य आश्रम
b) गृहस्थ आश्रम
c) वानप्रस्थ आश्रम
d) सन्यास आश्रम ✅ - वृहदारण्यक उपनिषद में याज्ञवल्क्य ने मैत्रेयी से किस आश्रम में जाने की बात कही?
a) ब्रह्मचर्य आश्रम में
b) गृहस्थ आश्रम में
c) प्रव्रज्या (सन्यास) ग्रहण करने की ✅
d) वानप्रस्थ में रहने की - आश्रम-व्यवस्था का पूर्ण विकास किस साहित्यिक काल में स्पष्ट रूप से देखा जाता है?
a) वेदों के रचना काल में
b) उपनिषदों के रचना काल में
c) सूत्र-ग्रंथों के रचना काल में ✅
d) आधुनिक साहित्य काल में - किस प्रकार के ग्रंथों में चारों आश्रमों के धर्म एवं कर्त्तव्य का विशद वर्णन मिलता है?
a) केवल वेदों में
b) केवल स्मृतियों में
c) सूत्र-ग्रन्थों, पुराणों, महाभारत और स्मृतियों में ✅
d) केवल उपनिषदों में - बोधायन धर्मसूत्र के अनुसार आश्रम-व्यवस्था का प्रारम्भ किसके द्वारा किया गया?
a) ब्रह्मा द्वारा
b) इन्द्र द्वारा
c) कपिल द्वारा ✅
d) जनक द्वारा - बोधायन धर्मसूत्र में कपिल को किसका पुत्र बताया गया है?
a) प्रह्लाद का शिष्य
b) प्रह्लाद का गुरु
c) प्रह्लाद का पुत्र ✅
d) प्रजापति का पुत्र - महाभारत और कुछ पुराणों के अनुसार चार आश्रमों की स्थापना किसने की?
a) विष्णु ने
b) शिव ने
c) ब्रह्मा ने ✅
d) इन्द्र ने - ब्रह्मा द्वारा स्थापित चार आश्रमों के नामों में कौन-सा विकल्प सही है?
a) ब्रह्मचर्य, संन्यास, राजस, तामस
b) ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ, भिक्षुक ✅
c) गृहस्थ, भिक्षुक, राजन्य, शूद्र
d) ब्रह्मचर्य, गिरीवासी, राजर्षि, तपस्वी - आश्रम-व्यवस्था का उद्गम ब्रह्मा से जोड़ने का मुख्य उद्देश्य क्या था?
a) राजनीतिक मान्यता प्राप्त करना
b) दैवी भय पैदा करना
c) लोग इसे धर्म समझकर स्वीकार करें ✅
d) केवल पुरोहितों को लाभ देना - पुराणों के अनुसार आश्रम-व्यवस्था का चिन्तन क्यों किया गया?
a) राजसत्ता मजबूत करने के लिए
b) युद्ध की तैयारी के लिए
c) समाज के सदस्यों को अपने कर्म निष्ठापूर्वक करने के लिए ✅
d) व्यापार बढ़ाने के लिए - किस राजा के राज्य में आश्रम-व्यवस्था के पूर्ण पालन का उल्लेख ब्रह्माण्ड पुराण में मिलता है?
a) जनक
b) दशरथ
c) सगर ✅
d) दिलीप - छान्दोग्य उपनिषद के अनुसार आश्रम धर्म का पालन करने वालों को क्या प्राप्त होता है?
a) केवल धन
b) केवल राज्य
c) पुण्य-लोक ✅
d) सिद्धि - मत्स्य पुराण के अनुसार आश्रम-व्यवस्था का निरादर करने वालों को क्या भोगना पड़ता है?
a) धन की हानि
b) राजदण्ड
c) यातना ✅
d) गरीबी - वायु पुराण के अनुसार आश्रम धर्म का पालन न करने वालों को क्या प्राप्त होता है?
a) स्वर्ग
b) मोक्ष
c) नर्क ✅
d) कीर्ति - आश्रम-व्यवस्था का पालन मुख्यतः किन-किन वर्णों के लिए आवश्यक माना गया?
a) केवल ब्राह्मण और शूद्र
b) केवल क्षत्रिय और वैश्यों
c) केवल ब्राह्मण
d) ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य (द्विज) ✅ - प्रारम्भिक काल में आश्रमों की संख्या कितनी मानी गई है?
a) दो
b) तीन ✅
c) चार
d) पाँच - प्रारम्भ में कौन-सा आश्रम वानप्रस्थ के साथ एक ही माना जाता था?
a) ब्रह्मचर्य
b) गृहस्थ
c) संन्यास ✅
d) भिक्षुक अलग आश्रम - वानप्रस्थ और संन्यास को प्रारम्भ में एक मानने का मुख्य कारण क्या था?
a) दोनों का आर्थिक कार्य समान था
b) दोनों का राजनीतिक कार्य समान था
c) दोनों का आधार अध्यात्म, सत्य की खोज और मोक्ष था ✅
d) दोनों का सामाजिक कार्य समान था - मनु ने बाद में सौ वर्ष के जीवन को किस प्रकार विभाजित करने की बात कही?
a) दो आश्रमों में
b) तीन आश्रमों में
c) चार आश्रमों में, 25-25 वर्ष के ✅
d) पाँच आश्रमों में - चार आश्रमों की चर्चा किन धर्मसूत्रों और ग्रंथों में भी की गई है?
a) केवल मनुस्मृति में
b) केवल महाभारत में
c) गौतम धर्मसूत्र, आपस्तम्ब धर्मसूत्र, विष्णु-पुराण आदि में ✅
d) केवल रामायण में - आश्रम-व्यवस्था को मूलतः किस प्रकार की व्यवस्था माना गया है?
a) राजनीतिक
b) धार्मिक
c) सामाजिक ✅
d) आर्थिक - आश्रम-व्यवस्था का व्यावहारिक अर्थ क्या बताया गया है?
a) तंत्र-मंत्र की साधना
b) युद्धकला का अभ्यास
c) व्यवस्थित और नियमित जीवन जीना ✅
d) केवल भिक्षा करना - मनुष्य के जीवन की स्वाभाविक प्रवृत्ति को आश्रम-व्यवस्था किस क्रम में दिखाती है?
a) पहले अर्थ, फिर काम, फिर धर्म
b) शिक्षा, फिर गृहस्थ जीवन, फिर आध्यात्मिक उपलब्धियाँ ✅
c) पहले राजनीति, फिर समाज, फिर धर्म
d) पहले सन्यास, फिर गृहस्थ, फिर ब्रह्मचर्य - चारों आश्रमों में से किस आश्रम को सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण माना गया?
a) ब्रह्मचर्य
b) गृहस्थ ✅
c) वानप्रस्थ
d) संन्यास - मनु ने गृहस्थ आश्रम के महत्त्व को किस उपमा से स्पष्ट किया है?
a) सूर्य और ग्रहों की उपमा
b) राजा और प्रजा की उपमा
c) प्राणवायु और जीवों की उपमा ✅
d) गुरु और शिष्य की उपमा - मनु के कथन के अनुसार अन्य सभी आश्रम किसका आश्रय प्राप्त करके चलते हैं?
a) ब्रह्मचर्य आश्रम
b) वानप्रस्थ आश्रम
c) संन्यास आश्रम
d) गृहस्थ आश्रम ✅ - याज्ञवल्क्य के अनुसार ब्राह्मणों के लिए चारों आश्रमों का पालन कैसा बताया गया है?
a) वैकल्पिक
b) निषिद्ध
c) अत्यन्त आवश्यक ✅
d) केवल दो आश्रम आवश्यक - जो ब्राह्मण चारों आश्रमों का शास्त्रानुसार पालन करता था, उसके लिए क्या कहा गया है?
a) वह धनी बनता था
b) वह राजा बनता था
c) वह परमगति को प्राप्त करता था ✅
d) वह पुरोहित बनता था - क्षत्रिय एवं वैश्य जैसे अन्य द्विजों के लिए कितने आश्रमों का विधान बताया गया है?
a) केवल एक
b) दो
c) तीन ✅
d) चार - क्षत्रिय और वैश्य के लिए कौन-सा आश्रम सामान्यतः निर्धारित नहीं था?
a) ब्रह्मचर्य
b) गृहस्थ
c) वानप्रस्थ
d) संन्यास ✅ - अलबरूनी किस शताब्दी का लेखक माना जाता है, जिसने चार आश्रमों का वर्णन किया है?
a) 8वीं–9वीं शताब्दी
b) 9वीं–10वीं शताब्दी
c) 10वीं–11वीं शताब्दी ✅
d) 12वीं–13वीं शताब्दी - अलबरूनी के अनुसार ब्राह्मण (द्विज) का जीवन किस आयु के बाद चार भागों में विभाजित है?
a) पाँच वर्ष के बाद
b) सात वर्ष की आयु के बाद ✅
c) दस वर्ष के बाद
d) बारह वर्ष के बाद - आश्रम-व्यवस्था का महत्त्व मुख्यतः किस लक्ष्य से जुड़ा हुआ है?
a) राज्य-विस्तार
b) शिक्षा-विस्तार
c) मोक्ष की उपलब्धि ✅
d) व्यापार-विस्तार - आश्रम-व्यवस्था व्यक्ति के जीवन के किन-किन स्तरों में अनुशासन स्थापित करती थी?
a) केवल व्यक्तिगत जीवन में
b) केवल सामाजिक जीवन में
c) केवल पारिवारिक जीवन में
d) निजी, पारिवारिक एवं सामाजिक जीवन में ✅ - आश्रम-व्यवस्था में मनुष्य की किन-किन अवस्थाओं की क्षमताओं और आवश्यकताओं में संतुलन स्थापित किया गया?
a) केवल युवावस्था और वृद्धावस्था में
b) केवल बाल्यावस्था और प्रौढ़ावस्था में
c) बाल्यावस्था, युवावस्था, प्रौढ़ावस्था और वृद्धावस्था में ✅
d) केवल प्रौढ़ावस्था में - बाल्यावस्था किस आश्रम के लिए निर्धारित की गई थी?
a) गृहस्थ आश्रम
b) वानप्रस्थ आश्रम
c) संन्यास आश्रम
d) ब्रह्मचर्य आश्रम ✅ - बाल्यावस्था में मुख्यतः किस प्रकार की शिक्षा दी जाती थी?
a) केवल राजनीतिक शिक्षा
b) केवल व्यापारिक शिक्षा
c) यम, नियम, संयम, दम, आचार-विचार आदि की शिक्षा ✅
d) केवल युद्ध-कला की शिक्षा - युवावस्था किस आश्रम के लिए निर्धारित की गई है?
a) ब्रह्मचर्य आश्रम
b) गृहस्थ आश्रम ✅
c) वानप्रस्थ आश्रम
d) संन्यास आश्रम - गृहस्थ आश्रम में व्यक्ति मुख्यतः क्या अर्जित करता था?
a) केवल ज्ञान
b) केवल तपस्या
c) विभिन्न पुरुषार्थों की उपलब्धि ✅
d) केवल दान - वानप्रस्थ आश्रम किस आयु के लगभग बाद आरम्भ करने की बात कही गई है?
a) 25 वर्ष की आयु के बाद
b) 40 वर्ष की आयु के बाद
c) 50 वर्ष की आयु के बाद ✅
d) 60 वर्ष की आयु के बाद - वानप्रस्थ आश्रम में रहते हुए व्यक्ति मुख्यतः किस प्रकार की तैयारी करता था?
a) व्यापारिक सफलता की
b) राजनैतिक शक्ति की
c) सन्यास आश्रम के लिए आध्यात्मिक तैयारी की ✅
d) गृहस्थ जीवन की पुनः स्थापना की - वानप्रस्थ आश्रम में लगभग कितने वर्ष व्यतीत करने के बाद व्यक्ति को सन्यास ग्रहण करना माना गया है?
a) 10 वर्ष बाद
b) 15 वर्ष बाद
c) 20 वर्ष बाद
d) 25 वर्ष बाद ✅ - सन्यास आश्रम सामान्यतः किस आयु के बाद ग्रहण करने की संकल्पना बताई गई है?
a) 50 वर्ष बाद
b) 60 वर्ष बाद
c) 70 वर्ष बाद
d) 75 वर्ष बाद ✅ - सन्यास आश्रम में वापस समाज में लौटने का मुख्य उद्देश्य क्या था?
a) फिर से धन कमाना
b) राजनीतिक नेतृत्व करना
c) अर्जित ज्ञान और अनुभव को समाज को लौटाना ✅
d) पुनः गृहस्थ बनना - चारों आश्रमों की निश्चित कर्त्तव्यों वाली व्यवस्था को किस नाम से जाना गया?
a) वर्ण-धर्म
b) आश्रम-धर्म ✅
c) राज-धर्म
d) लोक-धर्म - वर्ण-व्यवस्था और आश्रम-व्यवस्था को मिलाकर किस शब्द से संबोधित किया गया?
a) धर्मशास्त्र
b) वर्ण-संहिता
c) वर्णाश्रम धर्म ✅
d) सामाजिक संहिता - आश्रम-व्यवस्था में कठोर स्वधर्मों के बावजूद इसे किस कसौटी पर खरा बताया गया है?
a) धार्मिक आडम्बर की कसौटी पर
b) राजनीतिक लाभ की कसौटी पर
c) व्यावहारिकता की कसौटी पर ✅
d) आर्थिक लाभ की कसौटी पर - बाल्यकाल में प्राप्त ज्ञान, बुद्धि एवं विवेक का व्यक्ति के जीवन पर क्या प्रभाव माना गया है?
a) केवल आर्थिक लाभ देता है
b) केवल सामाजिक प्रतिष्ठा देता है
c) उसके भावी जीवन का आधार और व्यक्तित्व का विकास करता है ✅
d) केवल वैदिक यज्ञ कराने के काम आता है - युवावस्था में रागात्मक वृत्तियों और यौन-वृत्तियों को मर्यादित रूप से संतुष्ट करने के लिए कौन-सा आश्रम निर्धारित किया गया?
a) ब्रह्मचर्य आश्रम
b) गृहस्थ आश्रम ✅
c) वानप्रस्थ आश्रम
d) संन्यास आश्रम - आश्रम-व्यवस्था में व्यक्ति की दैहिक, दैविक और भौतिक आवश्यकताओं की पूर्ति किस प्रकार की जानी मानी गई?
a) कठिन और दुष्कर रूप से
b) असंभव रूप से
c) सरलता से और मर्यादित रूप में ✅
d) केवल दैवी अनुग्रह से



