काम MCQ : प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए “काम – पुरुषार्थ-चतुष्टय” विषय पर 70 बहुविकल्पीय प्रश्न। सही विकल्प के अंत में ✅ हरा टिक मार्क है।
- मनुष्य जीवन में ‘काम’ को पुरुषार्थों में किस क्रम पर रखा गया है?
a) प्रथम
b) द्वितीय
c) तृतीय ✅
d) चतुर्थ - पुरुषार्थ रूपी ‘काम’ का प्रमुख आशय किससे है?
a) केवल धन-संचय से
b) केवल सांसारिक कीर्ति से
c) यौन-इच्छाओं से ✅
d) राज्य-सत्ता से - काम का पहला स्वरूप कौन सा है?
a) कामना – किसी वस्तु या सुख को प्राप्त करने की इच्छा ✅
b) केवल यौन-सुख
c) केवल धन-लालसा
d) केवल कीर्ति-पिपासा - काम का दूसरा स्वरूप क्या माना गया है?
a) धर्म-पालन
b) अर्थ-साधन
c) यौन-सुख अथवा ऐन्द्रिक-इच्छा ✅
d) तपस्या - काम को प्राणी मात्र की कैसी प्रवृत्ति कहा गया है?
a) दैवी प्रवृत्ति
b) दुष्ट प्रवृत्ति
c) सहज प्रवृत्ति ✅
d) असाधारण प्रवृत्ति - संतान प्राप्ति का मुख्य माध्यम क्या बताया गया है?
a) दान
b) तप
c) यज्ञ
d) यौन-इच्छा ✅ - काम-भाव के अंतर्गत निम्न में से क्या-क्या सम्मिलित है?
a) केवल क्रोध और द्वेष
b) केवल दया और करुणा
c) यौन-आकर्षण, स्नेह, प्रेम, वात्सल्य, अनुराग ✅
d) केवल वैर और स्पर्धा - काम-भाव का चरम क्या माना गया है?
a) तपस्या
b) ज्ञान-प्राप्ति
c) इन्द्रिय-सुख और यौन-इच्छाओं की तृप्ति ✅
d) धन-संचय - मनुष्य जीवन में ‘काम’ क्या उत्पन्न करता है?
a) भय और अशांति
b) केवल क्रोध
c) उत्साह एवं आनंद ✅
d) निराशा - काम का अतिरेक किस रूप में माना गया है?
a) महान् सद्गुण
b) चारित्रिक दुर्बलता एवं महान् दुर्गुण ✅
c) मानसिक शांति
d) आध्यात्मिक उपलब्धि - काम के सेवन को किसके अनुकूल होना चाहिए?
a) केवल परिवार की इच्छा के अनुसार
b) केवल राज्य के नियमों के अनुसार
c) धर्म के अनुकूल ✅
d) धन के अनुसार - सामाजिक मर्यादाओं के बिना यौन-इच्छा की पूर्ति का परिणाम क्या हो सकता है?
a) अत्यधिक आध्यात्मिक प्रगति
b) समाज का उत्थान
c) व्यक्ति एवं समाज का हीन अवस्था में पहुंच जाना ✅
d) संस्कारों का विकास - महाभारत के अनुसार ‘काम’ किसका फल है?
a) धर्म का
b) तप का
c) अर्थ का ✅
d) यज्ञ का - कौटिल्य ने ‘काम’ को किस श्रेणी में रखा है?
a) प्रथम
b) द्वितीय
c) तृतीय
d) अन्तिम ✅ - कौटिल्य के अनुसार काम का पालन कैसे करना चाहिए?
a) धर्म और अर्थ को बाधित करके
b) केवल अर्थ के लिए
c) बिना धर्म और अर्थ को बाधा पहुँचाए ✅
d) किसी के भी विचार की परवाह न करके - मनु ने ‘काम’ को किस गुण के अंतर्गत माना है?
a) सत्त्वगुण
b) रजोगुण
c) तमोगुण ✅
d) त्रिगुणातीत - व्यक्ति की समस्त अन्तर्वृतियाँ किससे संचालित मानी गई हैं?
a) धर्म से
b) ज्ञान से
c) कामना से ✅
d) भय से - यौन-इच्छा के तीन मुख्य आधार कौन से हैं?
a) भौतिक, राजनैतिक, आर्थिक
b) दैहिक, दैविक, भौतिक
c) जैविकीय, सामाजिक और धार्मिक ✅
d) आध्यात्मिक, आर्थिक, सामाजिक - ऐन्द्रिक-इच्छाओं की तृप्ति न होने पर मनुष्य में क्या उत्पन्न होता है?
a) करुणा और दया
b) ज्ञान और वैराग्य
c) निराशा, तनाव, आक्रोश और क्रोध ✅
d) भक्ति और विश्वास - ऐन्द्रिक-इच्छाओं की पूर्ति से व्यक्ति के मन में क्या उत्पन्न होता है?
a) और अधिक क्रोध
b) घृणा
c) तृप्ति और पूर्णता का भाव ✅
d) ऊब और उदासीनता - इच्छाओं से तृप्त व्यक्ति आगे चलकर किसकी ओर प्रवृत्त होता है?
a) केवल धन-संचय की ओर
b) केवल युद्ध की ओर
c) धर्म के अनुसरण और अंत में ईश्वर-प्राप्ति की चेष्टा की ओर ✅
d) समाज से पलायन की ओर - काम-इच्छाओं की पूर्ति न होने पर व्यक्ति किसमें झुलसता रहता है?
a) क्रोधाग्नि में
b) तपो-अग्नि में
c) कामाग्नि में ✅
d) यज्ञाग्नि में - कौटिल्य के अनुसार धर्म, अर्थ और काम का सेवन कैसा होना चाहिए?
a) केवल धर्म का, अर्थ और काम का नहीं
b) केवल अर्थ का, धर्म और काम का नहीं
c) केवल काम का, धर्म और अर्थ का नहीं
d) तीनों का समान भाव से ✅ - केवल एक पुरुषार्थ को अपनाकर अन्य की उपेक्षा करने से क्या होता है?
a) मनुष्य का जीवन अत्यन्त सुखमय हो जाता है
b) समाज में उसकी प्रतिष्ठा बढ़ती है
c) मनुष्य का चिंतन, दृष्टिकोण एवं व्यवहार असंतुलित हो जाते हैं ✅
d) आध्यात्मिक सिद्धि शीघ्र हो जाती है - काम को ‘मनोज’ कहने का अर्थ क्या है?
a) जो मन को नष्ट कर दे
b) जो केवल शरीर से उत्पन्न हो
c) जो मन से जन्म लेने वाला हो ✅
d) जो केवल इन्द्रियों से संबंधित हो - कामना का मूल कहाँ माना गया है?
a) शरीर में
b) कर्म में
c) मन में ✅
d) समाज में - किसी कामना के उदय होने पर मनुष्य क्या करता है?
a) निष्क्रिय हो जाता है
b) पलायन कर जाता है
c) उसी के लिए उद्यम करता है ✅
d) समाज से कट जाता है - प्राचीन ऋषिगण किसके साथ संयुक्त होकर तपस्या करते थे?
a) निराशा के साथ
b) भय के साथ
c) क्रोध के साथ
d) किसी न किसी कामना के साथ ✅ - मनु के अनुसार केवल ‘कामना-विहीनता’ स्वीकार करने पर क्या समस्या होगी?
a) जीवन में भोग बढ़ जाएगा
b) धर्म का नाश हो जाएगा
c) सत्कार्यों के मूल में निहित काम का भी परित्याग करना पड़ेगा ✅
d) अर्थ की प्राप्ति नहीं होगी - कामना-रहित जीवन के बारे में क्या कहा गया है?
a) यह सबसे श्रेष्ठ आदर्श है
b) यह सांसारिक जीवन के लिए आवश्यक है
c) यह सामाजिक रूप से अनिवार्य है
d) यह सम्भव नहीं है ✅



