अर्थ MCQ : प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए “अर्थ – पुरुषार्थ-चतुष्टय” विषय पर 70 बहुविकल्पीय प्रश्न। सही विकल्प के अंत में ✅ हरा टिक मार्क है।
- अर्थ रूपी पुरुषार्थ से सामान्यतः क्या अभिप्रेत है?
a) केवल यश प्राप्ति
b) केवल मोक्ष साधना
c) धन-सम्पत्ति एवं समृद्धि अर्जित करना ✅
d) केवल विद्या अर्जन - पुरुषार्थ-चतुष्टय में ‘अर्थ’ का स्थान कौन सा है?
a) प्रथम
b) द्वितीय ✅
c) तृतीय
d) चतुर्थ - भारतीय संस्कृति अर्थार्जन और किस प्रकार के जीवन के बीच संतुलन स्थापित करती है?
a) भोगी जीवन
b) हिंसक जीवन
c) निस्पृह जीवन ✅
d) संन्यासी जीवन - ऋग्वैदिक आर्य किसके लिए देवताओं से प्रार्थना करते थे?
a) केवल मोक्ष के लिए
b) केवल संतान के लिए
c) धन-सम्पत्ति, गौ-अश्व आदि की वृद्धि के लिए ✅
d) युद्ध में विजय के लिए - ‘अर्थ समस्त लोक-व्यवहारों का मूल है’ – यह विचार किस वैदिक संहिता की ऋचा से सम्बंधित है?
a) सामवेद
b) अथर्ववेद
c) यजुर्वेद ✅
d) ऋग्वेद - अर्थ के बिना मनुष्य के किन दायित्वों का सम्पादन संभव नहीं है?
a) केवल लौकिक
b) केवल पारलौकिक
c) लौकिक एवं पारलौकिक दोनों ✅
d) न लौकिक न पारलौकिक - शास्त्रों में धन के उपार्जन के लिए क्या निर्देश दिया गया है?
a) किसी भी प्रकार से धन कमाओ
b) केवल युद्ध द्वारा धन कमाओ
c) धर्मानुकूल कार्यों से धन अर्जित करो ✅
d) केवल दान से धन प्राप्त करो - परिवार के भरण-पोषण और उन्नति में किस पुरुषार्थ का महत्त्वपूर्ण योगदान है?
a) धर्म
b) अर्थ ✅
c) काम
d) मोक्ष - किस ग्रंथ में अर्थ की महत्ता को सर्वोपरि माना गया और धर्म व काम को अर्थमूलक बताया गया है?
a) मनुस्मृति
b) महाभारत
c) अर्थशास्त्र ✅
d) रामायण - कौटिल्य के अनुसार धर्म और काम किस पर निर्भर हैं?
a) धर्म पर
b) मोक्ष पर
c) अर्थ पर ✅
d) यज्ञ पर - राजा जनक ने याज्ञवल्क्य से क्या पूछा था?
a) केवल शास्त्रार्थ चाहिए या मोक्ष?
b) आपको राज्य चाहिए या यज्ञ?
c) आपको धन और पशु चाहिए या शास्त्रार्थ और विजय? ✅
d) आपको युद्ध चाहिए या संन्यास? - याज्ञवल्क्य ने राजा जनक के प्रश्न के उत्तर में क्या कहा?
a) केवल धन चाहिए
b) केवल शास्त्रार्थ और विजय चाहिए
c) न धन चाहिए न शास्त्रार्थ
d) दोनों चाहिए ✅ - कौटिल्य के अनुसार किससे किसे श्रेष्ठ समझना चाहिए?
a) अर्थ से धर्म और काम को
b) धर्म से अर्थ और काम को
c) काम से धर्म और धर्म से अर्थ को ✅
d) मोक्ष से धर्म और अर्थ को - पुरुषार्थ में स्वीकृत ‘अर्थ’ का मुख्य आशय क्या है?
a) किसी भी उपाय से धन कमाना
b) केवल वैभव-संचय
c) धर्मपूर्वक अर्जित अर्थ ✅
d) विरासत में मिले धन से - महाभारत के अनुसार किसे ‘उच्चतम धर्म’ कहा गया है?
a) काम
b) मोक्ष
c) यज्ञ
d) अर्थ ✅ - महाभारत में धन को किसका आधार माना गया है?
a) केवल मोक्ष का
b) केवल ज्ञान का
c) काम और धर्म दोनों का ✅
d) केवल शिक्षा का - धन के नाश से मनुष्य के किन तीनों का ह्रास हो सकता है?
a) धर्म, अर्थ, शिक्षा
b) धर्म, काम, मोक्ष ✅
c) काम, मोक्ष, ज्ञान
d) अर्थ, यश, ज्ञान - धन-विहीन व्यक्ति को किसके समान कहा गया है?
a) पर्वत के समान
b) नदी के समान
c) ग्रीष्म की सूखी सरिता के समान ✅
d) फलदार वृक्ष के समान - बृहस्पति-सूत्र के अनुसार धन-सम्पन्न व्यक्ति के पास क्या-क्या होता है?
a) केवल विद्या
b) केवल मित्र
c) मित्र, धर्म, विद्या, गुण आदि ✅
d) केवल शस्त्र-बल - धनहीन व्यक्ति को बृहस्पति-सूत्र में किसके समान माना गया है?
a) देवता के समान
b) राजा के समान
c) मृतक अथवा चाण्डाल के समान ✅
d) साधु के समान - धर्मशास्त्रों में किस प्रकार की अर्थ-शक्ति की निन्दा की गई है?
a) तप से प्राप्त धन की
b) दान से प्राप्त धन की
c) पापमय, हिंसक और शोषण द्वारा प्राप्त धन की ✅
d) व्यापार से प्राप्त धन की - पाप से कमाए गए धन के कारण व्यक्ति कैसे हो जाते हैं?
a) अत्यन्त दयालु
b) विनम्र
c) मदान्ध और हिंसक ✅
d) वैराग्यवान - वेदों में पापपूर्ण धन अर्जित करने वालों को क्या कहा गया है?
a) देव
b) मानव
c) साधु
d) असुर ✅ - वेदों के अनुसार धन किस प्रकार अर्जित किया जाना चाहिए?
a) किसी भी साधन से
b) शोषण-पद्धति से
c) हिंसा करके
d) धर्मानुसार ✅ - धन के विविध रूपों में से कौन-सा रूप नहीं है?
a) मुद्रा, स्वर्ण
b) गाय, घोड़ा, हाथी
c) अन्न, फल, रत्न
d) आलस्य और प्रमाद ✅ - किसे ‘धन’ के रूप में स्वीकार किया गया है?
a) केवल सोना-चाँदी
b) केवल भूमि
c) बुद्धि, विवेक एवं ज्ञान ✅
d) केवल राज्य-सत्ता - वेदों में धन के किन दो प्रकारों का उल्लेख मिलता है?
a) लौकिक और पारलौकिक
b) राजसी और तामसी
c) पार्थिव-धन और दैवीय-धन ✅
d) वैदिक और अवैदिक - आन्तरिक धन, बाह्य धन के प्रति कैसा दृष्टिकोण रखता है?
a) उसे निरर्थक मानता है
b) उससे पूर्ण विरोध करता है
c) उसे अपना सहायक मानता है ✅
d) उससे सम्बन्ध तोड़ देता है - अनेक शास्त्रकारों ने धन को जीवन में किस रूप में माना है?
a) बाधा
b) पाप का कारण
c) प्रधान साधन ✅
d) केवल लोभ का स्रोत - अर्थ को पुरुषार्थ की श्रेणी में क्यों सम्मिलित किया गया है?
a) क्योंकि यह केवल भोग का साधन है
b) क्योंकि इससे मोक्ष स्वतः मिल जाता है
c) क्योंकि यह मनुष्य जीवन का अत्यन्त महत्वपूर्ण अंग है ✅
d) क्योंकि यह शिक्षा से अधिक महत्वपूर्ण है



