Tuesday, December 2, 2025
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पुरुषार्थ-चतुष्टय MCQ

पुरुषार्थ-चतुष्टय MCQ : प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए “पुरुषार्थ-चतुष्टय की अवधारणा” विषय पर 70 बहुविकल्पीय प्रश्न। सही विकल्प के अंत में ✅ हरा टिक मार्क है।

  1. पुरुषार्थ-चतुष्टय की अवधारणा का मुख्य उद्देश्य क्या है?
    a) केवल संन्यास की प्रेरणा देना
    b) केवल युद्ध-कौशल सिखाना
    c) मनुष्य को संतुलित, सुखी एवं दीर्घ जीवन जीने की दिशा देना ✅
    d) केवल धन-संचय सिखाना
  2. पुरुषार्थ-चतुष्टय मनुष्य को किस ओर ले जाता है?
    a) केवल भोग-विलास की ओर
    b) केवल राजनीति की ओर
    c) कर्म करते हुए मोक्ष की ओर ✅
    d) केवल व्यापार की ओर
  3. पुरुषार्थ-चतुष्टय के चार अंग कौन से हैं?
    a) धर्म, अर्थ, यश, बल
    b) धर्म, काम, यश, मोक्ष
    c) अर्थ, काम, तप, ज्ञान
    d) धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष ✅
  4. मनुस्मृति के अनुसार सभी धर्मों का मूल क्या है?
    a) राजा की आज्ञा
    b) लोकमत
    c) वेद ✅
    d) दान
  5. मनुस्मृति के अनुसार वेद के जानने वालों की स्मृति और शील किसके मूल हैं?
    a) अर्थ
    b) काम
    c) धर्म ✅
    d) मोक्ष
  6. मनुस्मृति के अनुसार सत्पुरुषों का सदाचार किसका मूल है?
    a) शिक्षा का
    b) राज्य का
    c) समाज का
    d) धर्म का ✅
  7. मनुस्मृति के अनुसार अंतरात्मा का संतोष किसका मूल माना गया है?
    a) अर्थ का
    b) धर्म का ✅
    c) काम का
    d) मोक्ष का
  8. मनुष्य किन-किन प्रकार के सुखों की आकांक्षा अपने जीवन में रखता है?
    a) केवल भौतिक सुखों की
    b) केवल आध्यात्मिक सुखों की
    c) केवल सामाजिक सुखों की
    d) भौतिक, दैहिक और दैविक/आध्यात्मिक सुखों की ✅
  9. ऋषियों ने किस बात पर गहन विचार किया?
    a) केवल राज्य-विस्तार कैसे हो
    b) मनुष्य को किन सुखों की कामना करनी चाहिए और वे कैसे प्राप्त हों ✅
    c) केवल युद्ध कैसे जीते जाएँ
    d) केवल व्यापार कैसे बढ़े
  10. अनीति पूर्वक प्राप्त सुखों और समृद्धि के बारे में क्या कहा गया है?
    a) वे स्थाई सुख देकर जीवन सफल कर देते हैं
    b) वे ही सच्चा सुख हैं
    c) वे किसी को अंतिम रूप से सुखी नहीं बना सकते ✅
    d) वे मोक्ष का साधन हैं
  11. ऋषियों के अनुसार सांसारिक मोह-माया और भोग-विलास मनुष्य को कहाँ ले जाते हैं?
    a) सन्मार्ग की ओर
    b) मोक्ष की ओर
    c) केवल वैराग्य की ओर
    d) दुःखों की ओर ✅
  12. मर्यादित आचरण और आध्यात्मिक विचार मनुष्य की किसमें सहायता करते हैं?
    a) केवल धन जुटाने में
    b) उचित निर्णय लेने में ✅
    c) शत्रु पर विजय पाने में
    d) शरीर बलवर्धन में
  13. भारतीय मनीषियों ने मनुष्य जीवन का लक्ष्य किसको माना?
    a) क्षणिक सुखों की प्राप्ति
    b) केवल अर्थ-साधन
    c) केवल काम-तृप्ति
    d) स्थाई सुखों की उपलब्धि ✅
  14. मनुष्य की चेष्टाएँ कैसी होनी चाहिए?
    a) विलासपरक
    b) हिंसक
    c) धर्मपरक ✅
    d) केवल राजनैतिक
  15. आध्यात्मिक वृत्तियाँ मनुष्य को क्या समझाती हैं?
    a) केवल व्यापार की विधि
    b) केवल राजनीति का अर्थ
    c) जीवन-दर्शन का वास्तविक अर्थ ✅
    d) युद्ध की रणनीति
  16. जीवन-दर्शन के वास्तविक अर्थ में किसका संतुलन मुख्य रूप से रहता है?
    a) केवल भोग और विलास का
    b) केवल धन और यश का
    c) सांसारिकता और आध्यात्मिकता, भोग और योग, कामना और निवृत्ति का ✅
    d) युद्ध और राजनीति का
  17. वस्तुतः मनुष्य को अपने जीवन में किन तीन प्रकार के सुखों की आवश्यकता होती है?
    a) आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक
    b) दैहिक, दैविक और भौतिक ✅
    c) केवल दैविक
    d) केवल दैहिक
  18. ऋषियों ने इन सुखों को किस रूप में अभिव्यक्त किया?
    a) त्रिवर्ग के रूप में
    b) केवल योगों के रूप में
    c) चार पुरुषार्थों के रूप में ✅
    d) केवल आश्रमों के रूप में
  19. चार पुरुषार्थों में ‘काम’ किस प्रकार का सुख है?
    a) दैविक सुख
    b) भौतिक सुख
    c) दैहिक सुख ✅
    d) मानसिक दुःख
  20. चार पुरुषार्थों में ‘अर्थ’ किस प्रकार के सुख का प्रतीक है?
    a) दैहिक सुख
    b) दैविक सुख
    c) मानसिक सुख
    d) भौतिक सुख ✅
  21. धर्म और मोक्ष किस प्रकार के सुख माने गए हैं?
    a) दैहिक
    b) भौतिक
    c) दैविक/आध्यात्मिक ✅
    d) केवल सामाजिक
  22. इन चारों पुरुषार्थों को और किन नामों से जाना गया है?
    a) त्रिगुण और त्रिवर्ग
    b) आश्रम-चतुष्टय
    c) योग-चतुष्टय
    d) चतुर्वर्ग एवं पुरुषार्थ-चतुष्टय ✅
  23. पुरुषार्थों के माध्यम से मनुष्य किन-किन क्षेत्रों में उत्कर्ष करता है?
    a) केवल राजनीतिक
    b) केवल शारीरिक
    c) बौद्धिक, नैतिक, शारीरिक, भौतिक और आध्यात्मिक ✅
    d) केवल आर्थिक
  24. भौतिक और आध्यात्मिक समृद्धि के मध्य किसे सही स्वरूप कहा गया है?
    a) केवल भौतिक वृद्धि
    b) केवल आध्यात्मिक वृद्धि
    c) दोनों का संतुलन स्थापित करना ✅
    d) दोनों का त्याग
  25. महर्षि वात्स्यायन, मनु के पुरुषार्थ-चतुष्टय के बारे में क्या दृष्टिकोण रखते हैं?
    a) वे केवल मोक्ष को मानते हैं
    b) वे केवल अर्थ और काम को मानते हैं
    c) वे केवल धर्म और मोक्ष को मानते हैं
    d) वे पुरुषार्थ-चतुष्टय को मानते हैं, पर मोक्ष से अधिक धर्म, अर्थ और काम पर आधारित सांसारिक जीवन को महत्व देते हैं।

-डॉ. मोहनलाल गुप्ता

पुरुषार्थ-चतुष्टय MCQ : मुख्य अध्ययन सामग्री

पुरुषार्थ-चतुष्टय की अवधारणा

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