Wednesday, April 30, 2025
spot_img

बाबरनामा बाबर की आंखों के सामने नष्ट हो गया (46)

बाबर के जीवन काल की घटनाओं का सर्वाधिक विस्तृत वर्णन स्वयं बाबर की पुस्तक बाबरनामा से मिलता है किंतु इसके विवरण पूर्णतः विश्वसनीय नहीं हैं। बाबर ने तथ्यों को अपनी सुविधा के अनुसार तोड़-मरोड़ कर लिखा है। हालांकि बाबर ने इस पुस्तक में एक स्थान पर लिखा है कि मैंने प्रण लिया था कि मैं इस पुस्तक में जो कुछ भी लिखूं, सत्य लिखूं।

तैमूर लंग ने भारत में अपनी जिन विध्वंसात्मक गतिविधियों को अधूरा छोड़ा था, उन्हें बाबर ने आगे बढ़ाया। उसने भारत में मुगलों का राज्य स्थापित करके भारत की अपार सम्पदा पर अधिकार कर लिया और जनता को गुलाम बना लिया। बाबर के जीवन काल की घटनाओं का सर्वाधिक विस्तृत वर्णन स्वयं बाबर की पुस्तक बाबरनामा से मिलता है किंतु इसके विवरण पूर्णतः विश्वसनीय नहीं हैं। बाबर ने तथ्यों को अपनी सुविधा के अनुसार तोड़-मरोड़ कर लिखा है। हालांकि बाबर ने इस पुस्तक में एक स्थान पर लिखा है कि मैंने प्रण लिया था कि मैं इस पुस्तक में जो कुछ भी लिखूं, सत्य लिखूं।

बाबर प्रतिदिन इस ग्रंथ को लिखता था। वह लम्बी दूरी की यात्राओं से लेकर युद्ध के दिनों में भी इस पुस्तक को लिखना नहीं छोड़ता था। बाबर ने लगभग 48 वर्ष की जिंदगी पाई किंतु उसका लिखा बाबरनामा केवल 18 वर्ष की अवधि का ही है और वह भी बीच-बीच में अधूरा है। यह स्थिति तो तब है जब बाबरनामा की 15 प्रतिलिपियां संसार के विभिन्न देशों से मिली हैं। इनमें से कुछ प्रतिलिपियां लंदन में, कुछ बुखारा में, कुछ नजरबे तुर्किस्तान में, कुछ भारत में तथा कुछ प्रतिलिपियां सेंट पीटर्सबर्ग में मिली हैं।

आज तो बाबरनामा के अनुवाद यूरोप एवं मध्य-एशिया की अनेक भाषाओं तथा हिन्दी भाषा में मिलते हैं किंतु जब मुद्रणालय का आविष्कार नहीं हुआ था, तब भी अरबी, फारसी, तुर्की, अंग्रेजी एवं उर्दू आदि विभिन्न भाषाओं एवं लिपियों में बाबरनामा की नकलें तैयार हुई थीं। उन्हें अनुवाद की बजाय प्रतिलिपि कहना ही अधिक उचित होगा।

इस बात की संभावना है कि बाबर ने दो पोथियां तैयार कीं। इनमें से पहली पोथी दैनिक डायरी के रूप में थी जिसमें वह उस दिन की घटना का वर्णन रात में बैठकर करता था। दूसरी पोथी में उसने पहली पोथी में वर्णित महत्वपूर्ण घटनाओं के आधार पर आलेख तैयार करके लिखे।

TO PURCHASE THIS BOOK, PLEASE CLICK THIS PHOTO

पहली पोथी और दूसरी पोथी के वर्णनों में भी अंतर है। अब ये दोनों मूल-प्रतियां उपलब्ध नहीं होतीं। बाबरनामा के नाम से जो ग्रंथ उपलब्ध हैं, वे इन्हीं दोनों ग्रंथों की नकलें हैं। बाबर ने अपने ग्रंथ की एक प्रतिलिपि तैयार करके ख्वाजा कलां को भारत से अफगानिस्तान भेजी थी जो बाबर को आगरा में छोड़कर अफगानिस्तान लौट गया था। अब यह पोथी प्राप्त नहीं होती। हुमायूँ के पास भी बाबरनामा की एक प्रतिलिपि रहती थी। इस प्रतिलिपि पर हुमायूँ ने अपने हाथ से कुछ टिप्पणियां भी अंकित की थीं। एल्फिंस्टन ने इस पोथी को पेशावर में खरीदा था। इसी पोथी के आधार पर एल्फिंस्टन ने बाबर-कालीन भारत का इतिहास लिखा था। अब यह पोथी एडिनबरा के पुस्तकालय में है। बाद में अर्सकिन ने भी इसी पोथी से काम किया। बाबरनामा की एक पोथी टीपू सुल्तान के पुस्तकालय में रहा करती थी। जब अंग्रेज इस देश के शासक बने तो इस पोथी को अपने साथ लंदन ले गए। यह पोथी लंदन के इंडिया ऑफिस में रहा करती थी। लंदन के ब्रिटिश म्यूजियम में भी बाबरनामा की एक प्रति बताई जाती है किंतु इस पोथी में बहुत कम पन्ने उपलब्ध हैं।

ई.1617 में रूस के सेंट पीटर्स बर्ग में डॉ. जॉर्ज जैकब केहर ने बाबरनामा की प्रतिलिपि तुर्की भाषा में तैयार की थी। यह प्रति आज भी सेंटपीटर्स बर्ग में उपलब्ध है। बाबरनामा का फ्रैंच अनुवाद इसी प्रतिलिपि से तैयार किया गया था। डॉ. केहर ने बाबरनामा की जिस पोथी को देखकर तुर्की प्रतिलिपि तैयार की थी, वह पोथी अब कहीं नहीं मिलती जबकि डॉ. केहर द्वारा तैयार प्रतिलिपि रूस में आज भी उपलब्ध है।

बाबरनामा की जो प्रतिलिपि बुखारा में होने की बात कही जाती है, उसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिलती किंतु उस प्रतिलिपि के हवाले से बुखारा के इतिहास में बहुत सी मनगढ़ंत बातें प्रचलित हैं। बाबरनामा की एक पोथी की नकल ई.1700 में तैयार की गई थी। यह पोथी हैदराबाद के सालारजंग संग्रहालय में मिली थी। बाबरनामा की सर्वाधिक विश्वसनीय प्रति इसी पोथी को माना जाता है। आज संसार भर में बाबरनामा के जो अंग्रेजी अनुवाद उपलब्ध हैं, वे इसी पोथी से किए गए अनुवाद की नकलें हैं।

बाबरनामा की एक पोथी एशियाटिक सोसाइटी बंगाल में भी उपलब्ध थी। इस पोथी का उल्लेख ई.1906 में लंदन से प्रकाशित जर्नल ऑफ रॉयल एशिायटिक सोसाइटी के एक लेख में हुआ था। बाबर ने अपनी पुस्तक का नाम क्या रखा था, यह बाबरनामा की एक भी प्रति से पता नहीं चलता।

कोई उसे बाबरनामा कहता है तो कोई बाबर की आत्मकथा। कुछ लेखकों ने उसे बाबर का यात्रा-वृत्तांत कहा है। जब बाबर की मृत्यु हो गई और हुमायूँ उसका उत्तराधिकारी हुआ तो उसने मुगल परिवार के सदस्यों एवं मंत्रियों से कहा कि वे बाबर के सम्बन्ध में अपने संस्मरण लिखें। बाबर की पुत्री गुलबदन बेगम ने हुमायूंनामा के नाम से अपने संस्मरण लिखे जिसमें उसने बाबर द्वारा लिखी गई पुस्तक का उल्लेख तो किया है किंतु उस पुस्तक का नाम नहीं लिखा।

बाबर ने अपनी पुस्तक में वाकेआत शब्द का प्रयोग किया है जिसका अर्थ होता है घटनाओं का विवरण। गुलबदन बेगम ने भी वाकेआनामा शब्द का प्रयोग किया है। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि संभवतः बाबरनामा का मूल नाम वाकेआते बाबरी जैसा कुछ रहा होगा। बाबरनामा को तुर्की भाषा का ग्रंथ बताया जाता है किंतु वास्तव में उसमें एक तिहाई शब्द अरबी एवं फारसी से लिए गए हैं इसलिए विद्वानों ने इस ग्रंथ में प्रयुक्त भाषा को चगताई-तुर्की कहा है।

बाबरनामा का अधिकांश भाग नष्ट क्यों हो गया, इस विषय पर स्वयं बाबर ने भी कई स्थानों पर पीड़ा व्यक्त की है। बाबर का अधिकांश जीवन यात्राओं एवं युद्धों में बीता था। उसने समरंकद में बहने वाली जेरावशान नदी से लेकर बंगाल में बहने वाली गंगा तक की यात्रा घोड़ों, ऊंटों एवं नावों पर बैठकर की थी। चार हजार किलोमीटर की इस लम्बी यात्रा में शत्रु के अचानक हमलों के कारण बाबर को कई बार अपना शिविर छोड़कर भागना पड़ा, जिसके कारण बाबरनामा के बहुत से भाग पीछे छूट गए और शत्रु द्वारा नष्ट कर दिए गए।

कई बार आंधी, तूफान और बरसात के कारण बाबर का तम्बू नीचे गिर जाता था और बाबरनामा की प्रति भीगकर खराब हो जाती थी। बाबर और उसके आदमी भीगे हुए कागजों को रात-रात भर कम्बल में दबाकर और चिमनियों से गर्मी पहुंचाकर सुखाते थे। इस कारण उन कागजों की स्याही फैल जाती थी और बहुत से कागज भीग जाने के कारण गल कर नष्ट हो जाते थे।

आज बाबरनामा हमारे बीच में उपलब्ध नहीं है, जो है वह नकलों और अनुवादों के रूप में है। ये नकलें और अनुवाद भी थोड़े से पन्नों के हैं, जो पन्ने उपलब्ध हैं वे भी झूठ के पुलिंदे हैं किंतु इस बात से इन्कार नहीं किया जा सकता कि बाबर-कालीन भारत के इतिहास को जानने का हमारे पास और कोई विश्वसनीय साधन उपलब्ध नहीं है। हम परवर्ती-ग्रंथों में प्राप्त तथ्यों के आधार पर बाबरनामा के विवरण की विवेचना करके ही सच-झूठ का निर्णय करते हैं।

– डॉ. मोहनलाल गुप्ता

Related Articles

Stay Connected

21,585FansLike
2,651FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles

// disable viewing page source