यह घटना उन दिनों की है जब सरदार पटेल को राजस्थान नामक नवीन प्रादेशिक इकाई का उद्घाटन करने के लिए दिल्ली से जयपुर जाना था। जयपुर से कुछ पहले ही विमान खराब हो गया। पूरे देश में वायुयान दुर्घटना के समाचार फैल गए जिन्होंने देश को चिंता में डाल दिया!
29 मार्च 1949 को सरदार पटेल अपनी पुत्री मणिबेन तथा यादवेंद्र सिंह के साथ दिल्ली से वायुयान से राजस्थान के लिये रवाना हुए। बीच मार्ग में इंजन में खराबी आ गई तथा प्लेन का सम्पर्क रेडियो से कट गया। इस पर विमान में बैठे जोधपुर नरेश हनवंतसिंह ने विमान को अपने अधिकार में लेकर एक सूखी नदी में उतार दिया। इससे वायुयान दुर्घटना टल गई। सरदार पटेल के प्राण बच गए और वे सड़क मार्ग से जयपुर पहुंच कर राजस्थान का उद्घाटन कर सके। जब पटेल वापस दिल्ली लौटे तो सैंकड़ों देशवासियों ने हवाई अड्डे पर उनका भव्य स्वागत किया। संसद में सांसदों ने पटेल का अभूतपूर्व स्वागत किया। उनके सम्मान में आधे घण्टे तक संसद की कार्यवाही रोक दी गई। पटेल को पंजाब विश्वविद्यालय तथा उस्मानिया विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टर ऑफ लॉ की मानद उपाधि दी गई। जोधपुर नरेश हनवंतसिंह के इस योगदान के लिए देश उनके प्रति सदैव कृतज्ञ रहेगा।




