ईसा की ग्यारहवीं-बारहवीं सदी में पश्चिमी यूरोप में गिरजाघर निर्माण की एक नई शैली का विकास हुआ जिसे गॉथिक शैली कहते हैं। इस शैली में गिरजाघरों का आकार बहुत बड़ा रखा जाता है। इसमें बड़ी एवं भारी छतों का भार, मुख्य भवन के बाहर बने पैनल्स पर टिकाया जाता है। मुख्य भवन के भीतर पतले खम्भे बनाए जाते हैं। देखने वाले को यह देखकर आश्चर्य होता है कि इतने पतले खम्भे इस विशाल एवं भारी छत का बोझ संभाल रहे हैं। इन चर्चों में अरबी शैली के नोकदार मेहराब बनाए जाते हैं।
भवन के ऊपर एक विशाल गगनचुम्बी मीनार होती है। इन गिरजाघरों की खिड़कियों पर रंगीन कांच होते हैं जिन पर सुंदर तस्वीरें बनी होती थीं। इस प्रकार गॉथिक शैली के गिरजाघर अद्भुत एवं सुंदर दिखाई देते हैं। देखने वाले की श्रद्धा, धर्म के प्रति नतमस्तक होकर आकाश में उड़ान भरने लगती है।
अशांति, अराजकता एवं अज्ञान के उस युग में गॉथिक गिरजाघर इतने रहस्यमय दिखाई देते थे मानो कीचड़ में कमल उग आए हों। फ्रांस, उत्तरी इटली, जर्मनी और इंग्लैण्ड में गॉथिक शैली के गिरजाघर एक साथ ही बहुत बड़ी संख्या में बने। ठीक से नहीं कहा जा सकता कि इनका निर्माण किसने आरम्भ किया था और कौन इन्हें लगातार आगे बढ़ा रहा था। अनुमान लगाया जाता है कि इन गिरजाघरों के निर्माण के पीछे राज-शक्ति कम और जन-शक्ति अधिक काम कर रही थी। गॉथिक गिरजाघर अर्द्धसभ्य यूरोप में वास्तुकला, चित्रकला एवं मूर्तिकला का साझा प्राकट्य प्रतीत होती थी। ऐसा लगता था कि ये गिरजाघर एक ओर तो धरती की प्रार्थनाएं स्वर्ग तक पहुँचा रहे थे तो दूसरी ओर स्वयं स्वर्ग इन गिरजाघरों को देखने के लिए धरती की तरफ झुका रहता था।
बाद के काल में यूरोप में टाउन हॉल तथा पार्लियामेंट भवन भी गॉथिक शैली में बनने लगे। इंग्लैण्ड का पुराना पार्लियामेंट भवन जो आग में जल गया था, तथा नया पार्लियामेंट भवन भी गॉथिक शैली के बहुत सुंदर उदाहरण हैं। जब अरब के लोगों ने यूरोप को उजाड़ना आरम्भ किया तो उन्होंने बहुत से गिरजाघरों को नष्ट कर दिया। यूरोप के बहुत से शहर भी इन्हीं आक्रमणों में नष्ट होकर काल के गाल में समा गए।
जर्मनी के कोलोन में, इटली के मीलान में तथा फ्रांस के चारत्रे में गॉथिक शैली के विशाल गिरजाघर आज भी देखे जा सकते हैं किंतु रोम में इस शैली का एक भी बड़ा गिरजाघर नहीं है। वेनिस में इस शैली का एक बड़ा गिरजाघर है। इस युग में गॉथिक शैली से भिन्न शैलियों के गिरजाघर भी बन रहे थे। इटली के वेनिस शहर में इसी युग में सेंट मार्क का गिरजाघर बना। वह बिजैन्तिया (बैजेन्टाइन) शैली में बना हुआ है। इसमें पच्चीकारी का बहुत सुंदर काम है।