Friday, March 29, 2024
spot_img

224. वीर सावरकर ने कहा यह विद्रोह नहीं था, भारत का प्रथम स्वातंत्र्य समर था!

कांग्रेस का इतिहास लिखने वाले कांग्रेस अध्यक्ष पट्टाभि सीतारमैया के अनुसार- ‘1857 का महान् आन्दोलन भारत का पहला स्वतंत्रता संग्राम था।’

अशोक मेहता ने अपनी पुस्तक द ग्रेट रिवोल्ट में यह सिद्ध करने का प्रयास किया है कि- ‘यह एक राष्ट्रीय विद्रोह था।’

पं. जवाहरलाल नेहरू ने लिखा है- ‘यह केवल सैनिक विद्रोह नहीं था। यद्यपि इसका विस्फोट सैनिक विद्रोह के रूप में हुआ था किंतु यह शीघ्र ही जन-विद्रोह के रूप में परिणित हो गया था।’

इंग्लैण्ड के सांसद बैंजामिन डिजरायली ने ब्रिटिश संसद में इसे ‘राष्ट्रीय विद्रोह’ कहा था।

सुरेन्द्रनाथ सेन ने लिखा हैं- ‘जो युद्ध धर्म के नाम पर प्रारम्भ हुआ था, वह स्वातन्त्र्य युद्ध के रूप में समाप्त हुआ, क्योंकि इस बात में कोई सन्देह नहीं कि विद्रोही, विदेशी शासन से मुक्ति चाहते थे और वे पुनः पुरातन शासन व्यवस्था स्थापित करने के इच्छुक थे, जिसका प्रतिनिधित्व दिल्ली का बादशाह करता था।’

जो विद्वान इसे स्वतंत्रता संग्राम मानते हैं, उनका तर्क है कि- ‘इस संग्राम में हिन्दुओं और मुसलमानों ने कन्धे-से-कन्धा मिलाकर समान रूप से भाग लिया और इस संग्राम को जनसाधारण की सहानुभूति प्राप्त थी। अतः इसे केवल सैनिक विप्लव या सामन्तवादी प्रतिक्रिया अथवा मुस्लिम षड्यन्त्र नहीं कहा जा सकता।’

पूरे आलेख के लिए देखें यह वी-ब्लॉग-

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

21,585FansLike
2,651FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles

// disable viewing page source