Friday, October 4, 2024
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जीवों के क्लोन में जीवात्मा कहां से आता है ?

विज्ञान तेजी से क्लोनिंग, जीन कल्चर और ह्यूमन ग्राफ्टिंग की तरफ बढ़ रहा है। क्लोनिंग का अर्थ है ठीक एक जैसे दो शरीर तैयार करना। जीन कल्चर का अर्थ है किसी मृत व्यक्ति के शव के किसी हिस्से में सुरक्षित रखे हुए डीएनए से मृतक व्यक्ति के गुणों वाला व्यक्ति तैयार कर देना तथा ह्यूमन ग्राफ्टिंग का अर्थ है किसी जीवित व्यक्ति के शरीर के जीन लेकर उनसे ठीक वैसे ही एक और व्यक्ति तैयार कर देना जैसे कि पेड़ पौधों में किया जाता है।

भेड़ों, कुत्तों तथा चूहों आदि जीवों के क्लोन तैयार कर लिये गये हैं कुछ वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि उन्होंने अज्ञात स्थानों पर आदमी के क्लोन तैयार कर लिये हैं तथा वे जीवित भी हैं।

यदि ये तथ्य सही हैं तो जीवात्मा के देह में आने और निरंतर देह बदलते रहने के सिद्धांत पर बड़ा प्रश्न चिह्न लग जायेगा। हमें हजारों वर्षों से चली आ रही इन मान्याताओं को नये सिरे से व्याख्यायित करना होगा। क्योंकि जीन विज्ञान की प्रगति का सिलसिला कहीं रुकने वाला नहीं। यदि ह्यूमन क्लोनिंग सफल हो गयी तो एक दिन वैज्ञानिक जो क्लोन तैयार करेंगे उसमें से वे मृत्यु के जीन निकाल फेंकेंगे।

-मोहनलाल गुप्ता,

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