गणतन्त्र शासन की स्थापना
2 जून 1946 को इटली में आम-चुनाव हुए जिनमें देश की जनता ने गणतंत्र शासन की स्थापना के पक्ष में मत दिया। इसके बाद 10 जून 1946 को इटली गणतंत्र राष्ट्र के रूप में स्थापित हो गया।
साम्राज्यिक चिह्नों का अंत
18 जून 1946 को तत्कालीन अस्थायी सरकार ने ‘आर्डर ऑफ द डे’ नामक एक आदेश जारी करके इटली में पहले से चले आ रहे समस्त विधिक तथा शासकीय आदेशों, परिपत्रों आदि में अंकित साम्राज्यपरक संदर्भों तथा अवशेषों को पूर्णतः समाप्त कर दिया। इटली के राष्ट्रध्वज पर अंकित ‘हाउस ऑफ सेवाय की ढाल’ (शील्ड) के चिह्न को भी हटा दिया गया। इस प्रकार इटली में विगत लगभग दो हजार सालों से चले आ रहे राजतंत्र का अंत हो गया।
श्रम पर आधारित जनतांत्रिक गणतंत्र
22 दिसम्बर 1947 को इटली की संविधान सभा ने नया संविधान पारित कर दिया और 1 जनवरी 1948 से इटली में नया संविधान लागू हो गया। इसमें 139 अनुच्छेद तथा 18 संक्रमणकालीन धाराएँ हैं। संविधान में इटली का उल्लेख ‘श्रम पर आधारित जनतांत्रिक गणतंत्र’ के रूप में किया गया है।
इटली की संसद
इटली की संसद के दो अंग हैं- ‘प्रतिनियुक्तों का सदन’ तथा ‘सीनेट’। सदन के सदस्यों का चुनाव प्रति पाँचवें वर्ष वयस्क मताधिकार के माध्यम से प्रत्यक्ष निर्वाचन पद्धति द्वारा किया जाता है। ‘डेपुटी’ पद के प्रत्याशी को कम से कम 25 वर्ष का होना चाहिए। उसका निर्वाचन मतदान द्वारा 80,000 व्यक्ति करते हैं।
सीनेट के सदस्यों का चुनाव
सीनेट के सदस्यों का चुनाव छः वर्ष के लिए क्षेत्रीय आधार पर किया जाता है। प्रत्येक क्षेत्र में कम से कम छः सीनेटर चुने जाते हैं और प्रत्येक सीनेटर दो लाख मतदाताओं का प्रतिनिधित्व करता है। किंतु ‘वाल दष्ओस्ता’ क्षेत्र से केवल एक ही सीनेटर का निर्वाचन होता है। राष्ट्रपति पाँच ऐसे व्यक्तियों को जीवन भर के लिए सीनेट के सदस्य मनोनीत कर सकता है जो समाज-विज्ञान, कला, साहित्य आदि के क्षेत्र में प्रख्यात एवं जाने माने हों। कार्यकाल समाप्त हो जाने पर इटली का राष्ट्रपति, जीवन भर के लिए सीनेट का सदस्य बन जाता है किंतु वह सदस्यता छोड़ भी सकता है।
राष्ट्रपति का चुनाव
सदन तथा सीनेट के संयुक्त अधिवेशन में दो-तिहाई बहुमत से राष्ट्रपति का निर्वाचन किया जाता है जिसमें प्रत्येक क्षेत्रीय परिषद् से तीन-तीन सदस्य मतदान करते हैं (वाल दष्ओस्ता से केवल एक सदस्य मतदान करता है)। तीन बार मतदान के बाद भी यदि राष्ट्रपति पद के किसी भी उम्मीदवार को दो तिहाई मत नहीं मिल पाते तो पूर्ण-बहुमत पानेवाले प्रत्याशी को राष्ट्रपति चुन लिया जाता है।
राष्ट्रपति की आयु 50 वर्ष से ऊपर होनी आवश्यक है। उसका कार्यकाल सात वर्ष का होता है। सीनेट का अध्यक्ष राष्ट्रपति के डिप्टी की हैसियत से कार्य करता है। राष्ट्रपति संसद के सदनों का विघटन कर सकता है किन्तु कार्यकाल समाप्ति के पूर्व के छः महीनों में उसे यह अधिकार नहीं रहता।
न्यायालय
इटली में 15 न्यायाधीशों का एक संवैधानिक न्यायालय है जिसके पाँच न्यायाधीशों को राष्ट्रपति, पाँच को संसद् (दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन में) तथा पाँच न्यायाधीशों को देश के सर्वोच्च न्यायालय (विधि तथा प्रशासन सम्बन्धी) नियुक्त करते हैं। इटली के संवैधानिक न्यायालय को लगभग वैसे ही अधिकार प्राप्त हैं जैसे अमरीका के सर्वोच्च न्यायालय को।