एक बार वल्लभभाई ने एक कोर्ट में अपने एक मुवक्किल की जमानत के लिये अर्जी लगाई। वह मुवक्किल खेड़ा जिले का था। इस जिले के लोगों को अंग्रेज सरकार अपराधी किस्म का मानती थी। इसलिये मजिस्ट्रेट ने उसकी जमानत स्वीकार नहीं की।
इस पर वल्लभभाई ने मजिस्ट्रेट से पूछा कि क्या खेड़ा जिले के हर आदमी को कोर्ट मुजरिम मानती है ? मजिस्ट्रेट ने जब ऐसा मानने से मना किया तो वल्लभभाई ने दूसरा प्रश्न पूछा कि यदि ऐसा नहीं है
तो उनके मुवक्किल को जमानत क्यों नहीं मिली जबकि उसके विरुद्ध कोई ठोस प्रमाण भी नहीं है ?
इस पर मजिस्ट्रेट ने कोर्ट स्थगित कर दी और वल्लभभाई के मुवक्किल की जमानत स्वीकार कर ली। इस प्रकार, दो प्रश्नों में ही वल्लभभाई के मुवक्किल को जमानत मिल गई।