Sunday, October 27, 2024
spot_img

कैबीनेट मिशन कम्पलीट

ब्रिटिश सरकार के कैबिनेट मंत्रियों के दल अर्थात् कैबीनेट मिशन ने जब भारत की आजादी एवं विभाजन की योजना प्रकाशित कर दी तो कैबीनेट मिशन कम्पलीट हो गया। मिशन ने इस आशा के साथ भारत छोड़ दिया कि अब भारत के लोग आगे का मार्ग स्वयं ढूंढ लेंगे। हमेशा की तरह न्याय करने की आड़ में, गोरी सरकार ने भरपूर अन्याय किया था। वे भारत को एक देश न मानकर सैंकड़ों देशों का झुण्ड मानते थे, कैबीनेट मिशन प्लान में भी यही विचार आगे बढ़ाया गया था।

16 मई 1946 की कैबीनेट मिशन योजना यद्यपि एक अभिशंषा के रूप में प्रस्तुत की गई थी किंतु फिर भी यह किसी पंच-निर्णय से कम नहीं थी। योजना के प्रकाशन के साथ ही भारत में कैबीनेट मिशन का काम पूरा हो चुका था और अब उसे इंग्लैण्ड लौट जाना था।

मिशन ने भारत छोड़ने से पहले भारतीय समाचार पत्रों को एक वक्तव्य दिया- ‘कैबीनेट प्रस्ताव भारतीयों को शीघ्रातिशीघ्र आजादी देने का एक मार्ग है जिसमें आंतरिक उपद्रव एवं झगड़े की संभावनाएं न्यूनतम हैं।’

29 जून 1946 को कैबीनेट मिशन ने इस आशा के साथ भारत छोड़ दिया कि और कुछ नहीं तो कम से कम संविधान सभा का गठन तो होगा ही। क्रिप्स तथा पैथिक लॉरेंस ने ब्रिटिश संसद में घोषणा की कि- ‘मिशन अपने उद्देश्य को प्राप्त करने में सफल रहा।’

कांग्रेस की हाँ …..!

यद्यपि कैबीनेट योजना कांग्रेस की इच्छा के अनुसार नहीं थी तथापि जवाहरलाल नेहरू को विश्वास था कि कैबीनेट योजना में प्रस्तावित प्रांतों का कोई समूह बनेगा ही नहीं। क्योंकि संविभाग ‘ए’ के सभी और ‘बी’ तथा ‘सी’ के कुछ राज्य समूहीकरण के विरुद्ध रहेंगे। नेहरू का सोचना बिल्कुल सही था क्योंकि पंजाब और बंगाल के हिन्दू इस योजना को स्वीकार करके अपने पैरों पर कुल्हाड़ी नहीं मार सकते थे। इसलिए नेहरू ने 6-7 जुलाई 1946 को कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक में कैबीनेट योजना को स्वीकार करने का प्रस्ताव रखा जो 51 के मुकाबले 205 मतों से स्वीकृत हो गया। इस प्रकार कांग्रेस ने कैबीनेट योजना स्वीकार कर ली।

देशी राजाओं की हाँ …..!

कैबीनेट मिशन के माध्यम से राजओं की मुँहमांगी मुराद पूरी होने जा रही थी और वे एक बार फिर से ई.1817-18 से पहले की स्थिति में अर्थात् पूर्ण स्वतंत्र राज्य होने जा रहे थे। इसलिए 17 जुलाई 1946 को आयोजित नरेन्द्र मण्डल के सम्मेलन में राजाओं ने अपने मुँह में आ रहे पानी को छुपाते हुए स्वयं को देशभक्त प्रदर्शित करने का अवसर हाथ से नहीं जाने दिया और घोषणा की कि नरेन्द्र मण्डल देश की इस इच्छा से पूर्ण सहमति रखता है कि भारत को तत्काल राजनीतिक महिमा प्राप्त हो। राजाओं की इच्छा, संवैधानिक समस्याओं के निस्तारण के कार्य में प्रत्येक संभावित योगदान देने की है।

मुहम्मद अली जिन्ना की हाँ …..!

कैसे बना था पाकिस्तान - bharatkaitihas.com
To Purchase This Book Please Click On Image.

कैबीनेट मिशन योजना में सीधे-सीधे पाकिस्तान की मांग को स्वीकार नहीं किया गया था किंतु प्रांतीय विधान सभाओं में हिन्दु-बहुमत, मुस्लिम बहुमत तथा मुस्लिमों के हल्के बहुमत के आधार पर ‘ए’, ‘बी’ एवं ‘सी’ समूहों के निर्माण की बात कही गई थी जो अपने-अपने लिए अलग संविधान बना सकते थे। जिन्ना को इस समूहीकरण योजना में भविष्य में पाकिस्तान के निर्माण की आशा दिखाई दे रही थी। इसलिए उसने सीधे-सीधे पाकिस्तान न मिलने पर भी इस योजना को स्वीकार करने का निर्णय लिया। कैबीनेट मिशन योजना पर विचार करने के लिए बुलाई गई

मुस्लिम लीग की बैठक में पारित प्रस्ताव में कहा गया कि- ‘पूर्ण सार्वभौम पाकिस्तान के लक्ष्य की प्राप्ति भारत के मुसलमानों का अपरिवर्तनीय उद्देश्य अब भी बना हुआ है, इसलिए हम इसके दीर्घकालीन और अंतरिम दोनों भागों को स्वीकार करते हैं क्योंकि मिशन की योजना में पाकिस्तान का आधार निहित है।

इस प्रकार जिन्ना कैबीनेट मिशन के जाल में फँस गया और भारत की आजादी का रास्ता साफ होता हुआ दिखाई देने लगा। जो जिन्ना पिछले पंद्रह साल से इस ध्येय के लिए भारतीय जनता का खून और मुस्लिम लीगी नेताओं का पसीना बहाता रहा था कि अंग्रेज भारत को आजाद करने से पहले उसके टुकड़े करें, वही जिन्ना भारत के टुकड़े हुए बिना ही अंग्रेजों को भारत से जाने की अनुमति दे रहा था।

राजनीति के कुछ पन्ने पढ़ा हुआ साधारण व्यक्ति भी अनुमान लगा सकता था कि अपने इस निर्णय के लिए जिन्ना शीघ्र ही पश्चाताप की भयानक अग्नि में झुलसने वाला था।

जहाँ एक ओर इंग्लैण्ड की गोरी सरकार दावा कर रही थी कि कैबीनेट मिशन कम्पलीट हो गया है, वहीं वास्तविकता यह थी कि कैबीनेट मिशन कम्पलीट नहीं हुआ था। असली लक्ष्य तक पहुंचने के लिए अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी था। यही कारण था कि वास्तविक लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए लंदन की सरकार को दो साल तक और पसीना बहाना पड़ा।

-डॉ. मोहनलाल गुप्ता

Related Articles

1 COMMENT

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

21,585FansLike
2,651FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles

// disable viewing page source