Saturday, July 27, 2024
spot_img

174. जहर खाकर जिंदा रहता था गुजरात का महमूद बेगड़ा!

तैमूर लंग के आक्रमण के बाद दिल्ली सल्तन का शिकंजा ढीला पड़ गया तथा गुजरात, मालवा एवं नागौर में मुसलमानों के स्वतंत्र राज्यों की स्थापना हो गई। इन राज्यों के सुल्तान वैसे तो आपस में लड़ते रहते थे किंतु मेवाड़ के हिन्दू राज्य को निगलने के लिए एक हो जाया करते थे। उन्होंने महाराणा कुंभा पर बार-बार आक्रमण किए किंतु महाराणा कुंभा इन सब पर भारी पड़ता था और उनमें कसकर मार लगाता था।

ई.1460 में माण्डू के सुल्तान महमूद खिलजी ने तथा गुजरात के सुल्तान कुतुबुद्दीन ने एकराय होकर दो तरफ से मेवाड़ राज्य पर आक्रमण किया। महाराणा कुंभा के शिलालेखों में कहा गया है कि कुंभा ने गुजरात और मालवा के सुलतानों के सैन्य-समुद्र का मथन किया।

सुप्रसिद्ध इतिहासकार गौरीशंकर हीराचंद ओझा ने लिखा है कि नागौर के मुसलमानों ने हिन्दुओं को पीड़ा पहुंचाने के लिए नागौर में गौवध करना आरम्भ किया। महाराणा कुंभा ने नागौर के मुसलमानों द्वारा किए जा रहे इस अनाचार का समाचार प्राप्त होने पर पचास हजार घुड़सवार लेकर नागौर पर चढ़ाई की और नागौर दुर्ग पर अधिकार कर लिया। इस अभियान में नागौर के हजारों मुसलमान मारे गये।

महाराणा कुंभा के शिलालेखों में लिखा है कि कुंभा ने नागौर में काटने के लिए बांधी गई हजारों गौओं को छुड़ा लिया। कुंभा ने नागौर नगर को नष्ट करके वहाँ पशुओं के लिए गोचर बना दिया। महाराणा ने नागौर शहर को मस्जिदों सहित जला दिया और शम्स खाँ के खजाने से विपुल रत्न-संचय छीन लिया। उस काल की हिन्दू पुस्तकों में उल्लेख मिलता है कि नागौर में एक गाय को कष्ट में देखकर महाराणा इतना विचलित हो गया कि उसे पागलपन के दौरे पड़ने लगे।

इस रोचक इतिहास का वीडियो देखने के लिए कृपया इस लिंक का प्रयोग करें-

ई.1458 में गुजरात के सुल्तान अहमदशाह का एक पौत्र अब्दुल फतेह खाँ ‘महमूदशाह’ की उपाधि धारण करके गुजरात के तख्त पर बैठा। इतिहास में उसे ‘महमूद बेगड़ा’ के नाम से जाना जाता है। वह 12 वर्ष की आयु में सुल्तान बना तथा 65 वर्ष की आयु तक जीवित रहा। उसने 53 वर्ष की दीर्घ अवधि तक गुजरात पर शासन किया और चम्पानेर, बड़ौदा, जूनागढ़, कच्छ आदि अनेक हिन्दू राज्यों पर अधिकार जमा लिया।

कहा जाता है कि महमूदशाह ने अपने जीवन में दो दुर्ग जीते थे- जूनागढ़ तथा चाम्पानेर। इसलिए उसे दो दुर्गों का स्वामी कहा गया। गुजराती भाषा में उसे बे-गढ़ा कहा गया जिसका अर्थ ‘दो दुर्ग वाला’ होता है। यही बे-गढ़ा आगे चलकर बेगड़ा हो गया। जूनागढ़ का वास्तविक नाम गिरिनार है।

To purchase this book, please click on photo.

महमूद बेगड़ा ने ई.1454 में चम्पानेर दुर्ग पर आक्रमण किया। जब चाम्पानेर के हिन्दू राजा को अपनी पराजय निश्चित जान पड़ने लगी तो दुर्ग में रह रही औरतों ने जौहर किया तथा हिन्दू वीरों ने अंतिम व्यक्ति के जीवित रहने तक युद्ध किया। महमूद ने चम्पानेर के निकट मुहम्मदाबाद नामक शहर बसाया।

अपने शासन के अंतिम वर्षों में महमूद बेगड़ा ने हिन्दुओं के प्रसिद्ध तीर्थ द्वारिका पर आक्रमण किया तथा वहाँ के कई प्रसिद्ध हिन्दू मन्दिरों को गिरा दिया। महमूद ने द्वारिका के निकट लूटपाट करने वाले समुद्री समूहों का भी दमन किया जो भारत से मक्का जाने वाले हजयात्रियों को लूटते थे।

महमूदशाह बेगड़ा के काल में भारत में पुर्तगालियों की गतिविधियां आरम्भ हो गई थीं। महमूद बेगड़ा ने उनकी बढ़ती हुई शक्ति को रोकने के लिए एक नौसेना का निर्माण किया तथा कालीकट के हिन्दू राजा के साथ मिलकर ई.1507 में चौल बन्दरगाह के निकट पुर्तगालियों को पराजित किया। ई.1509 में पुर्तगालियों ने ड्यू अथवा दीव के निकट गुजरात और कालीकट की संयुक्त सेनाओं को परास्त करके भारतीय समुद्र पर पुनः प्रभाव स्थापित कर लिया। उसी वर्ष अर्थात् ई.1509 में महमूद बेगड़ा की मृत्यु हो गई।

एक मुस्लिम इतिहासकार ने लिखा है- ‘महमूद बेगड़ा ने गुजरात राज्य के प्रताप तथा ऐश्वर्य की वृद्धि की, वह अपने से पहले और बाद के समस्त सुल्तानों में श्रेष्ठ है।’ महमूद बेगड़ा के बारे में कही गई यह बात सही प्रतीत नहीं होती। वास्तविकता यह है कि महमूद बेगड़ा ने गुजरात की नहीं, अपितु अपने ऐश्वर्य की वृद्धि की, इसमें श्रेष्ठता जैसी कोई बात नहीं है। वह एक धर्मांध शासक था तथा उसने हिन्दू प्रजा की उन्नति पर कोई ध्यान नहीं दिया।

महमूद बेगड़ा को डर था कि उसे छल से विष देकर मारा जा सकता है, इसलिए वह स्वयं ही प्रतिदिन थोड़ा सा जहर खाता था ताकि उसका शरीर जहर सेवन का आदी हो जाए। इस जहर के कुप्रभाव को रोकने के लिए महमूद को प्रतिदिन बहुत सारा भोजन करना पड़ता था जिसमें शहद और केले प्रमुख थे। उस काल के पुर्तगालियों ने अपनी पुस्तकों में महमूद बेगड़ा के भोजन का रोचक वर्णन किया है। उनके वर्णन अतिरंजना से भरे पड़े हैं। उन्होंने लिखा है कि महमूद बेगड़ा का व्यक्तित्व आकर्षक था। उसकी दाढ़ी कमर तक पहुँचती थी और मूंछें इतनी लम्बी थीं कि वह उन्हें सिर के ऊपर बाँधता था।

एक विदेशी यात्री ‘बरबोसा’ के अनुसार महमूद को बचपन से ही किसी ज़हर का सेवन कराया गया था। अतः उसके हाथ पर यदि कोई मक्खी बैठ जाती थी, तो वह फूलकर तुरन्त मर जाती थी। महमूद पेटू के रूप में भी प्रसिद्ध था। कहा जाता है कि वह नाश्ते में एक कटोरा शहद, एक कटोरा मक्खन और सौ से डेढ़ सौ केले खाता था। वह दिन भर में 10 से 15 किलो भोजन खाता था। रात के समय उसके तकिए के दोनों ओर मांस के समोसों से भरी तश्तरियाँ रखी जाती थीं, ताकि भूख लगने पर वह तुरन्त खा सके।

महमूद के विषय में गुजरात में तरह-तरह की कपोल कथाएँ प्रचलित थीं। एक इतालवी यात्री ‘लुडोविको डी वारदेमा’ महमूद बेगड़ा के राज्य में आया था, उसने भी इन कथाओं का उल्लेख किया है। महमूद बेगड़ा की मृत्यु के बाद उसका पुत्र मुजफ्फरशाह (द्वितीय) गुजरात का सुल्तान बना। उसने मालवा के हिन्दू शासक मेदिनीराय को परास्त करके महमूद खलजी को मालवा के तख्त पर बैठाया। इसलिए मुजफ्फरशाह को मेवाड़ के महाराणा संग्रामसिंह से युद्ध करना पड़ा जिसे इतिहास में सांगा के नाम से जाना जाता है। राणा सांगा से हुए युद्ध में मुजफ्फरशाह परास्त हुआ। अप्रैल 1526 में मुजफ्फरशाह की मृत्यु हो गई।

मुजफ्फरशाह (द्वितीय) के बाद सिकन्दर तथा सिकंदर के बाद महमूद (द्वितीय) गुजरात के शासक हुए जो अयोग्य एवं निर्बल थे। वे बहुत कम समय के लिए गुजरात के तख्त पर बैठ सके। जुलाई 1526 में मुजफ्फरशाह (द्वितीय) का एक पुत्र बहादुरशाह गुजरात का सुल्तान बना। वह योग्य तथा महत्त्वाकांक्षी शासक था। उसने गुजरात के मुस्लिम राज्य को फिर से ताकतवर बनाया तथा देश की तत्कालीन राजनीति में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।

उसी वर्ष अर्थात् ई.1526 में समरकंद के पदच्युत मुगल शासक बाबर ने भारत पर आक्रमण करके दिल्ली सल्तनत पर अधिकार कर लिया। बाबर के भारत-आक्रमण के समय यही बहादुरशाह गुजरात पर शासन कर रहा था। गुजरात के सुल्तानों के समय में गुजरात के हिन्दुओं को मुसलमान बनाने की जो प्रक्रिया आरम्भ हुई वह सैंकड़ों साल तक चलती रही। एक उदाहरण से इस बात को समझा जा सकता है कि पाकिस्तान के जनक मुहम्मद अली जिन्ना का दादा गुजराती हिन्दू था। उसने भारत की आजादी से कुछ दशक पहले ही इस्लाम अंगीकार किया था।

-डॉ. मोहनलाल गुप्ता

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

21,585FansLike
2,651FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles

// disable viewing page source