पटेल ने पाकिस्तान को 55 करोड़ रुपये दिये जाने का भी विरोध किया। पटेल का कहना था कि यह राशि काश्मीर में भारत के विरुद्ध काम में ली जायेगी किंतु गांधी ने पटेल की इस बात का यह कहकर विरोध किया कि यदि पाकिस्तान को 55 करोड़ रुपये नहीं दिये गये तो उसके बदले में अधिक हिंसा और बदले की कार्यवाही की जायेगी।
कैबीनेट ने पटेल के प्रस्ताव का पक्ष लिया किंतु गांधी ने आमरण अनशन पर बैठने की घोषणा कर दी जब तक कि पाकिस्तान को 55 करोड़ रुपये न दे दिये जायें। कैबीनेट ने गांधीजी की बात को स्वीकार कर लिया, इससे पटेल को दुःख हुआ।