Monday, August 18, 2025
spot_img

लाल किले की दर्द भरी दास्तां

इस धारवाहिक में शाहजहां द्वारा दिल्ली में लाल किला बनवाए जाने से लेकर भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति तक के इतिहास का वह भाग दिया गया है जो दिल्ली एवं आगरा के लाल किलों की छत्रछाया में में घटित हुआ। इस काल में ये दोनों लाल किले भारत की सत्ता के प्रतीक बन गए थे।

- Advertisement -

Latest articles

मध्यकालीन हिन्दू त्यौहार - www.bharatkaitihas.com

मध्यकालीन हिन्दू त्यौहार

0
मध्यकालीन हिन्दू त्यौहार और वर्तमान में मनाए जाने वाले हिन्दू त्यौहारों में विशेष अंतर नहीं है किंतु मध्यकालीन हिन्दू समाज में त्यौहारों की संख्या...
दादू दयाल - www.bharatkaitihas.com

दादू दयाल

0
भारत के मध्यकालीन भक्ति आन्दोलन के संतों में दादू दयाल का नाम आदर से लिया जाता है। दादू दयाल का जन्म ई.1544 में गुजरात...
तुलसीदास - www.bharatkaitihas.com

तुलसीदास

0
रामानंद की शिष्य मण्डली के प्रमुख सदस्य नरहरि आनंद के शिष्य तुलसीदास, अकबर के समकालीन संत हुए। उनका जन्म ई.1532 के लगभग हुआ। उन्होंने...
संत तुकाराम - www.bharatkaitihas.com

संत तुकाराम

0
संत तुकाराम का जन्म ई.1608 में महाराष्ट्र के देहू गांव में हुआ। वे अपने समय के महान् संत और कवि थे तथा तत्कालीन भारत...
भक्त रैदास - www.bharatkaitihas.com

भक्त रैदास

0
भक्त रैदास का जन्म काशी के एक चमार परिवार में हुआ। वे रामानन्द के बारह प्रमुख शिष्यों में से थे। वे विवाहित थे तथा...
// disable viewing page source