आधुनिक भारत का इतिहास प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व का विषय है। इतिहास के इस कालखण्ड में भारत ने अपनी आजादी की लड़ाई लड़ी एवं स्वतंत्रता प्राप्त करके स्वयं को सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न राष्ट्र घोषित किया।
प्रस्तावना
बुढ़िया का चश्मा भारतीय राजनीति तथा भारत में फैले भ्रष्टाचार पर एक करारा व्यंग्य है। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद लोगों की आकांक्षाएं जिस प्रकार...
शहंशाह को देखकर संवेदनशील लोग मुस्कुराए और बोले यह आश्चर्यजनक है कि हुजूर को अजमेर के ख्वाजा में इतना विश्वास है जबकि हुजूर ने अपने पैगम्बर के हर आधार को नकार दिया है जिसकी पोशाक से ख्वाजा जैसे सैंकड़ों-हजारों पीर निकले हैं।
एक बलूची के एक ही स्त्री से 25 बच्चे थे। वह बलूची एक दिन अकबर के दरबार में उपस्थित हुआ तथा उसने अकबर से कहा कि यह स्त्री बहुत भली है किंतु इसके 25 बच्चे हो गए हैं जिनके कारण मेरा जीवन मुश्किल हो गया है तथा यह स्त्री मेरे लिए हराम हो गई है। मेरे दुःखों का कोई इलाज नहीं है।
इस पुस्तक को लिखने का उद्देश्य इतिहास के उन पन्नों को टटोल कर देखना है ताकि हम भविष्य में उन्हीं गलतियों को फिर से न दोहराएं जिनके कारण हम भारत-पाकिस्तान के विभाजन के खतरनाक निर्णय पर पहुंचे थे।